26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रियंका गांधी ने यूपी कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति पर लगाया विराम, जानिए कैसे हुआ ये

Highlights कांग्रेस के नए प्रदेश के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करने की कवायद जनपदों व शहरों में कई धड़ों में बंटी कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति खत्म यूपीसीसी में पदाधिकारियों की संख्या सीमित होने का असर  

2 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। कांग्रेस (Congress) को अब बदलाव के दिन दिखलाई पड़ रहे हैं। यूपी में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष (UPCC President) की ताजपोशी के बाद से इस बदलाव की सुगबुगाहट मानी जा रही है। पूरी प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर जिस तरह राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने नए सिरे से यूपी में काम करना शुरू किया है, उससे निश्चित ही अंदरुनी राजनीति पर भी विराम लगने जा रहा है। अभी तक यूपी के हर जिला और शहर कांग्रेसियों में अंदरुनी राजनीति (Internal Politics) इतनी जबरदस्त थी, जो हर चुनाव में दिखाई पड़ती थी। यही वजह है कि कांग्रेस हर चुनाव में मुंह की खाती थी, लेकिन प्रियंका गांधी ने इस अंदरुनी राजनीति पर विराम लगाने की कवायद शुरू की है।

यह भी पढ़ेंः हापुड़ के युवक की टाॅर्चर के बाद मौत पर हंगामा, एसओ समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड, देखें वीडियो

यूपीसीसी में शामिल हैं 41

प्रियंका गांधी के यूपी का प्रभारी बनाए जाने की चर्चाएं जोर पर थी। हालांकि इसकी घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन अंदरुनी तौर पर प्रियंका पूरी तरह से यूपी कांग्रेस पर फोकस किए हुए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से लेकर जिला व शहर कार्यकारिणी तक पर प्रियंका खुद फैसले ले रही हैं, जो पार्टी के लिए अच्छे संकेत हैं। यूपी कांग्रेस में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यूपीसीसी में सदस्यों की संख्या घटाई गई है। पहले यूपीसीसी सदस्यों की संख्या सैकड़ों तक पहुंचती थी तो इस बार कार्यकारिणी में 41 सदस्य हैं। इनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के अलावा 4 उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव हैं। पहले यूपीसीसी में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने से उनमें अंदरुनी राजनीति बहुत ज्यादा थी। अब प्रियंका गांधी ने यूपीसीसी सदस्यों की संख्या 41 करने से पार्टी राजनीति में विराम लगा दिया है। यह बात अलग है कि कुछ पदाधिकारियों का टिकट कटने से उनमे रोष है।

यह भी पढ़ेंः योगी सरकार बिजली चोरी के खिलाफ बड़े शहरों में चलाने जा रही ये बड़ा अभियान, ईमानदार उपभोक्ताओं से की ये अपील, देखें वीडियो

वेस्ट यूपी की कमान पंकज मलिक को

यूपीसीसी में वेस्ट यूपी के उपाध्यक्ष शामली से एमएलए रहे पंकज मलिक तो पूर्वी यूपी के वीरेंद्र चौधरी हैं। अन्य दो उपाध्यक्ष दीपक कुमार व ललितेश्वर त्रिपाठी बनाए गए हैं। जहां तक मेरठ की बात है तो सचिव मोनिंदर सूद वाल्मीकि को बनाया गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पदाधिकारियों की संख्या सीमित होने से पार्टी की अंदरुनी राजनीति पर विराम लगा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पहले पार्टी में ही कई ग्रुप बने हुए थे, जो राजनीति करके पार्टी को कमजोर कर रहे थे। चुनाव में पार्टी को हरवाने का काम करते थे। इस बार यूपीसीसी में सदस्यों की संख्या सीमित होने से अब फोकस क्षेत्र में एक या दो नेताओं पर रहने से राजनीति खत्म होगी। पार्टी के मठाधीशों को लोगों के बीच जाना ही पड़ेगा।