
बिजली चोरी के इतने मामले पकड़े कि वसूली में बन गया रिकार्ड, मच गया लखनऊ तक हलकान
मेरठ। आप भी सुनकर और पढ़कर हैरान हो जाएंगे। पश्चिम उप्र में बिजली विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में वसूली का रिकार्ड बनाया गया है। बिजली विभाग के इतिहास में इतनी बड़ी राशि इससे पहले कभी नहीं वसूली गई। इस राशि को जानकर और सुनकर तो लखनऊ के बड़े अफसर भी हैरान हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अन्तर्गत विद्युत चोरी पर नियत्रंण लगाने के उद्देश्य से प्रबंध निदेशक आशुतोष निरंजन के निर्देशन में विभागीय दल एवं प्रवर्तन दल का संयुक्त सौ कार्य दिवसीय विद्युत चोरी रोको अभियान चलाया गया।
विभाग ने की रिकार्ड छापेमारी
मेरठ क्षेत्र के अन्तर्गत विभागीय दल एवं प्रवर्तन दल की संयुक्त टीमों द्वारा घरेलू, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक श्रेणी बिजली कनेक्शनों की चेकिंग के अन्तर्गत 18,431 छापे डाले गए, इनमें से 2,231 प्रकरणों में सीधे विद्युत चोरी पकड़ी गर्इ। 1,461 अनियमितता के मामले पकड़े गए, जिसके विरूद्ध 3,427 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज हुई। 228.02 लाख का राजस्व निर्धारित किया गया तथा 76.38 लाख की वसूली की गर्इ।
366 मेगा कैम्पों में दिए कनेक्शन
गरीब हाउस होल्ड उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना 'सौभाग्य' में डिस्काम के अंर्तगत 366 मेगा कैम्पों में 6007 कनेक्शन दिए गए। मेगा कैम्पों में गरीब हाउसहोल्ड उपभोक्ताओं को 521 नए कनेक्शन दिए गए जबकि अन्य उपभोक्ताओं को 5486 बिजली कनेक्शन दिए गए।
पीवीवीएनएल के अंतर्गत आते हैं ये जिले
पीवीवीएनएल के अन्तर्गत आने वाले जनपद मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, सम्भल, अमरोहा, रामपुर, बिजनौर के अंर्तगत प्रबन्ध निदेशक आशुतोष निरंजन के निर्देशानुसार 'सौभाग्य' के अंर्तगत इन सभी जिलों के चयनित 366 ग्रामों में मेगा कैम्पों का आयोजन किया गया। सभी संयोजन ई-संयोजन ऐप के द्वारा निर्गत किए जा रहे हैं।
Published on:
08 Aug 2018 05:21 pm
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