
मेरठ। योगी सरकार ने बिजली के बड़े उपभोक्ताओं पर शिकंजा कसा है। इससे हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, 10 किलोवाट से ज्यादा के विद्युत भार के कनेक्शनों के बिलों में गड़बड़ी और बकाया नहीं जमा करने के कई मामले सामने आए हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की हाई वोल्टेज सेल ने जब छापेमारी शुरू की तो असलियत सामने आ गई। सेल ने कई चरणों में की छापेमारी में अभी तक एक हजार से ज्यादा ऐसे मामले पकड़े हैं, जहां बड़े कनेक्शनों के मीटर में टेंपरिंग की जा रही थी।
मीटर रीडरों से सेटिंग और टेंपरिंग
पीवीवीएनएल के अंतर्गत वेस्ट यूपी के 14 जनपद आते हैं। इन जनपदों में 10 किलोवाट से ज्यादा विद्युत भार के कनेक्शनों में गड़बड़ी की काफी शिकायतें मिल रही थी, क्योंकि प्रति कनेक्शन करीब 50 हजार रुपये का प्रतिमाह बिल आना चाहिए, लेकिन उतना राजस्व पीवीवीएनएल को नहीं मिल रहा था। इसी को देखते हुए एमडी आशुतोष निरंजन ने हाई वोल्टेज सेल तैयार की थी। इस सेल का काम बड़े कनेक्शन के मीटरों की जांच, सही बिल और इनसे बकाया राशि वसूलना है। सेल ने जब छापेमारी अभियान शुरू किया तो 10 किलोवाट से ज्यादा विद्युत भार वाले कनेक्शनों में मीटर टेंपरिंग के मामले पकड़े गए। साथ ही बड़े उपभोक्ता मीटर रीडर से सेटिंग करके बिजली का बिल कम बनवा रहे थे। मीटर टेंपरिंग के एक हजार मामले अभी तक पकड़ में आ चुके हैं।
बिल की वसूली को चला अभियान
पीवीवीएनएल सूत्रों का कहना है कि बड़े कनेक्शन वाले उपभोक्ता बिल जमा करने में उदासीनता दिखा रहे थे। इसी को देखते जब चेकिंग और वसूली अभियान चलाया तो बड़े बकाएदारों में हड़कंप मच गया। यही वजह है कि अभी तक विभाग ने 50 करोड़ रुपये इनसे वसूल कर लिया है। पीवीवीएनएल के एमडी आशुतोष निरंजन का कहना है कि बड़े उपभोक्ताओं की बिलिंग एमआरआई से कराई जा रही है। हाई वोल्टेज सेल इसकी मॉनिटरिंग कर रही है। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
Published on:
07 Aug 2019 10:06 am
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