
मेरठ। परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के स्वागत से पहले चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के गेट पर फायरिंग में घायल हुए दो छात्रों के बाद नाटकीय रूप से आरोपी छात्र कादिर अली को तथाकथित एनकाउंटर में गोली मारकर घायल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपी छात्र के परिजनों और विश्वविद्यालय के छात्रों का दावा है कि सुबह के समय कादिर ने थाना सिविल लाइन में आत्मसमर्पण कर दिया था तो फिर उसके बाद 20 हजार रुपये का इनाम और एनकाउंटर में उसे कैसे गोली मारी गई। पिछले दो दिन से चर्चित यह मामला अब शासन तक भी पहुंच गया है। पुलिस अफसर भी इसमें फंसते नजर आ रहे हैं। इस मामले में दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ जांच बिठाई गई है। इसी बीच विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी चेतावनी दी है कि इस मामले में वे चुप बैठने वाले नहीं हैं।
मंत्री के स्वागत से पहले हुई थी फायरिंग
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री आयुष पंवार ने परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के स्वागत में विश्वविद्यालय के गेट पर 28 अगस्त को कार्यक्रम रखा। मंत्री के आने से पहले ही यहां फायरिंग हुई और हंगामा हुआ। इसमें दो छात्रों मनीष व शानू को पैर में गोली लगी थी। मामले में आशू काजला उर्फ आशीष, कादिर, सागर चैधरी, दीपक पंवार व आदित्य तोमर पर गोली मारने का आरोप लगा था। घायलों की ओर से नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। 29 अगस्त की सुबह उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सदस्य व भाजपा नेता कुंवर बासित अली कई लोगों के साथ आरोपी कादिर को लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचे और उसे पुलिस को दे दिया।
मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारी
दोपहर को पुलिस ने कादिर के साथ मुठभेड़ दिखाकर पैर में गोली मार दी। पुलिस ने तब बताया था कि कादिर दरोगा की पिस्टल लेकर भाग रहा था, इसी दौरान मुठभेड़ में उसके पैर में गोली मार दी गई। इसके बाद घायल कादिर के परिजनों व विश्वविद्यालय के छात्रों का गुस्सा फूटा और उन्होंने डीएम कार्यालय के सामने धरने दे दिया। उनका दावा है कि इस मामले में सीओ सिविल लाइन, इंस्पेक्टर सिविल लाइन और इंस्पेक्टर मेडिकल ने मुठभेड़ की साजिश रची है। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने इनमें से दो इंस्पेक्टरों खिलाफ जांच बिठा दी गई है।
Published on:
31 Aug 2019 02:50 pm
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