चैत्र नवरात्र में विशेष पूजा से दूर होगी राहु केतु की महादशा।
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रह को नुकसान देने वाला माना है। कुंडली में अगर इन दोनों ग्रहों के प्रभाव हैं तो इससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुंडली में राहु-केतु दोष है तो शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से कई परेशानियां झेलनी पड़ती है।
ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के विशेष उपाय बताए गए हैं। चैत्र नवरात्र में इन उपायों का पालन करने से विशेष लाभ मिलता है।
ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि राहु और केतु के दोष से बचने के लिए मां चंद्रघंटा एवं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से लाभ मिलता है। इसी के साथ दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभाव समाप्त होता है।
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पानी में चंदन का चूर्ण मिलाकर स्नान करना चाहिए। नवरात्रि के अवसर पर शुरु किए इस उपाय को 3 महीने तक करें। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर होगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र में मां दुर्गा के साथ भगवान शिव और हनुमान की पूजा करने से राहु-केतु दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए नवरात्रि में शिव सहस्त्रनाम और हनुमान सहस्नाम का पाठ करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है। उसके साथ ही ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
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