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दशहरा में आंखों से आग उगलता सात घोड़ों पर सवार रावण करेेगा राम से युद्ध, देखें वीडियो

मेरठ में दशहरा पर सात घोड़ों पर सवार 120 फीट का रावण राम से युद्ध करेगा। भैसाली मैदान रामलीला में इस बार राम-रावण का युद्ध हाईटैक होगा।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Oct 23, 2023

Meerut Dussehra 2023

मेरठ भैसाली मैदान में दशहरा मेला के लिए तैयार हुए रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले।

मेरठ में दशहरा को भैसाली मैदान रामलीला में राम-रावण का युद्ध देखकर दर्शक रोमांच से भर उठेगें। भैसाली मैदान रामलीला में दशहरा के दिन होने वाले राम-रावण युद्ध हाईटेक तरीके से लड़ा जाएगा। इस युद्ध में 120 फीट का रावण सात घोड़ों पर सवार होकर राम ये युद्ध करने के लिए मैदान में आएगा।

रावण की आंखों से अंगारे निकलेंगे और वह राम पर अग्निबाणों की बौछार करेगा
रावण की आंखों से अंगारे निकलेंगे और वह राम पर अग्निबाणों की बौछार करेगा। हाईटेक रावण बनाने वाले असलम इस बार इस रावण को बना रहे हैं। असलम ने बताया कि इस बार का रावण विशेष तौर पर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि रावण की ऊंचाई 120 फीट है। जबकि कुंभकरण के पुतले की ऊंचाई 100 फीट रखी गई है। मेघनाथ का पुतला 80 फीट का है।

IMAGE CREDIT: मेरठ के भैसाली मैदान में दशहरा के मौके पर तैयार किया गया रावण का पुतला।

उन्होंने बताया कि इस बार रावण को सात घोड़ों पर सवार किया जाएगा। जो भगवान श्री राम से युद्ध करेगा। उन्होंने बताया कि रावण को हाईटेक तरीके से तैयार किया गया है। रावण दहन इस बार रिमोट के जरिए होगा। यानी राम एक बाण रावण की नाभि में चलाएगा। इसके बाद रिमोट के जरिए पूरा रावण धूं-धूकर जल उठेगा।

पांच पीढियों से बना रहे रावण का पुतला
असलम ने बताया कि रावण का पुतला बनाने का काम वो पांच पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। उनके खानदान में सभी लोग रावण का पुतला बनाने का काम करते हैं। असलम ने बताया कि मेरठ में करीब 20-25 जगहों पर रावण दहन होगा। हर जगह उनके परिवार के लोग ही रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बना रहे हैं।

IMAGE CREDIT: दशहरा से पहले रावण के पुतले को अंतिम रूप देते कारीगर असलम।

दूसरे शहरों में जाते हैं पुतला बनाने
असलम ने बताया कि दशहरे से एक माह पहले पुतला बनाने का काम शुरू हो जाता है। उनके पास दूसरे शहरों जैसे मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, देवबंद, शामली, खतौली, मुरादाबाद, गजरौला और गाजियाबाद के अलावा दिल्ली तक से पुतले बनाने का आर्डर मिलता है। असलम ने बताया कि इससे पहले उनके पिता, दादा और पड़दादा भी पुतला बनाने का काम करते थे।

IMAGE CREDIT: इन सात घोड़ों पर सवार होगा 120 फीट ऊंचा महाबली रावण।

सावन में कांवड़ तो होली के समय होलिका का पुतला
असलम बताते हैं कि पुतला बनाने का काम उनका पैत्रिक काम है। वो सावन के महीने में कांवड़ बनाने का काम करते हैं। उसके बाद दशहरा में रावण और उसके परिवार के पुतले बनाने का काम करते हैं। जब होली का मौसम आता है तो होलिका का पुतला बनाते हैं। उन्होंने बताया कि होलिका के पुतले के लिए तो दो तीन महीने पहले से उनके पास आर्डर आने शुरू हो जाते हैं।