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Rashtrodaya Live: अनुशासन अगर देखना है, तो ‘राष्ट्रोदय’ सबसे बेहतर उदाहरण

राष्ट्रोदय कार्यक्रम में करीब चार लाख कार्यकर्ता बड़ी अासानी से अपनी जगह पर पहुंच रहे

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meerut

मेरठ। अनुशासन किसे कहते हैं, यह आरएसएस कार्यकर्ताआें से सीख सकते हैं। जागृति विहार एक्सटेंशन में रविवार को हो रहे कार्यक्रम में करीब आरएसएस के चार लाख कार्यकर्ताआें के आने की उम्मीद है आैर दोपहर एक बजे तक दो लाख दस हजार कार्यकर्ता आ भी चुके हैं। इतनी भीड़ पर यदि किसी अन्य कार्यक्रम में होती, तो इस भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाता, लेकिन आरएसएस का अनुशासन देखकर इससे हर कोर्इ जिन्दगीभर के लिए सीख ले सकता है। मेरठ की रैलियों या अन्य कार्यक्रमों में 25 हजार की भीड़ ही प्रशासन आैर पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाती है, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताआेेें ने अनुशासन का शहर में नया अध्याय जोड़ा है। सिर्फ यही नहीं, कार्यक्रम स्थल के अलावा जितने भी सहयता कैंप लगाए गए हैं, वहां भी कमाल का अनुशासन देखने को मिल रहा है। सभी जगह लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं स्वयं सेवक। कार्यक्रम स्थल पर करीब दो बजे तक दो लाख 10 हजार स्वयं सेवक पर पहुंच चुके थे। इस अनुशासन को देखकर हर कोर्इ अचंभे में है।

बस अड्डों पर आरएसएस के कैंप

मेरठ के सभी सरकारी और प्राइवेट बस अड्डों पर आरएसएस के सहायता कैंप बनाए गए हैं। इन कैंपों में आरएसएस के कार्यकर्ता बैठे हुए हैं और ये लोग दूर से आने वाले स्वयंसेवकों को राष्ट्रोदय स्थल तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। इसी तरह का सहायता कैंप मेरठ के दोनों रेलवे स्टेशन पर बनाया गया है। वहां पर वाहनों की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रोदय में आए स्वयंसेवकों को वाहन से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। मेरठ के सोहराब गेट बस स्टैंड पर बने कैंप में स्वयं सेवकों के लिए तैनात कार्यकर्ता ने बताया कि उनके कैंप को 10 गाडियां दी गई हैं। जो स्वयं सेवकों को राष्ट्रोदय चौक तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता को परेशानी नहीं होने दी जा रही।