
इस तरह रिमोट कंट्रोल से घरों में की गर्इ 30 करोड़ की बिजली चोरी
मेरठ। घरेलू मीटरों में डिवाइस लगाकर उसे ब्लूटूथ के जरिए रिमोट से कंट्रोल करके बिजली चोरी कराने वाले दो लोगों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है। एक साल में लगभग 30 करोड़ रुपए की बिजली चोरी की चपत लगाने वाले इन दोनों शातिरों का खेल देखकर बिजली विभाग के इंजीनियरों ने भी अपना माथा पकड़ लिया है। मुख्य रूप से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों मात्र 250 रुपये में डिवाइस खरीद कर लाते थे और उसे 2000 रुपये में लगाते थे। पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो पुलिस ने इस पर काम करना शुरू किया आैर यह खेल पकड़ा। प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने खुलासा किया कि कैसे बिजली विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही थी।
इन दोनों शातिरों के खेल से इंजीनियर हैरान
पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों शातिरों ने बिजली विभाग के तमाम इंजीनियरों को भी हक्का-बक्का कर दिया है। दरअसल, बिजली चोरी का यह पूरा खेल मात्र ढाई सौ रुपए की डिवाइस से किया जा रहा था। बिजली विभाग ने यह मीटर इसलिए लगाने शुरू किए थे कि इनमें किसी भी तरह की चोरी नहीं हो सकती थी, लेकिन दोनों ने ढाई सौ रुपए की डिवाइस से करोड़ों रुपयों पर हाथ साफ कर दिया।
घरों में इस तरह करा रहे थे बिजली चोरी
अधिकारियों ने एक टीम बनाकर इसे अंजाम देना शुरू किया तब पुलिस के सामने साजिद और संजय दो मुख्य आरोपी सामने आए हैं। इनमें साजिद बिजली का मिस्त्री है। उसका मुख्य काम मीटर ठीक करना है। उसी के दिमाग में यह खुराफात आई कि मीटर की रीडिंग कंट्रोल करने के लिए इस तरह की डिवाइस बनाई जा सकती है। उसने प्रहलाद नगर स्थति संजय इलेक्ट्रिकल के नाम से दुकान करने वाले संजय रस्तोगी के साथ मिलकर बिजली चोरी की डिवाइस बनाने का खेल करीब एक साल पहले शुरू किया।
250 से दो हजार रुपये तक का खेल
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि साजिद दिल्ली से एेसी डिवाइस 250 रुपये बनवाकर संजय इलेक्ट्रिकल की दुकान पर सप्लार्इ करता था। दुकान मालिक संजय इस डिवाइस को 400 रुपये में बेचता था। इसके बाद संजय आैर मिस्त्री साजिद दुकान पर आने वाले ग्राहकों को बिजली का बिल कम करवाने का लालच देते थे आैर ग्राहक ये डिवाइस अपने घर लगवाते थे। साजिद एक डिवाइस घर पर लगाने के दो हजार रुपये लेता था।
ब्लूटूथ के जरिए रिमोट से करते थे मीटर कंट्रोल
संजय आैर साजिद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दुकान पर आने वाले काफी ग्राहकों ने इस डिवाइस को लगवाया है। गर्मियों में इस डिवाइस की मांग बढ़ जाती थी आैर इन दिनों भी ये रिमोट से चलने वाली डिवाइस खूब लगवार्इ जा रही थी। पुलिस ने बताया कि इस डिवाइस को लगाने को घर में लगवाने के बाद रिमोट से ब्लूटूथ से बिजली मीटर को कंट्रोल किया जाता था। जिससे मीटर रीडिंग कम आती थी, लेकिन शहर आैर आसपास के क्षेत्रों में काफी डिवाइस लगने के कारण बिजली विभाग को साल भर में करीब 30 करोड़ की बिजली चोरी का अनुमान है। एडीजी ने बताया कि डिवाइस आैर रिमोट से बिजली चोरी की शिकायत शासन से की गर्इ थी, वहां से अफसरों से निर्देश के बाद इसके बाद पुलिस आैर पीवीवीएनएल की टीमें लगार्इ गर्इ थी।
इनके आैर साथी होने का अंदेशा
एडीजी जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने इनके पास से काफी रिमोट और डिवाइसें से बरामद की है। इनके गैंग में कौन कौन शामिल हैं और किस तरह ये लोग आगे काम करते थे, पुलिस पूरी जांच पड़ताल में लगी है। इसमें क्या पीवीवीएनएल के लोग भी शामिल थे आैर किस तरह से यह काम इतनी आसानी से हो रहा था, इसकी जांच की जा रही है। प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी राजेश कुमार पांडेय, एएसपी सतपाल अंतिल, सीआे अखिलेश भदौरिया व क्राइम ब्रांच की टीम मौजूद रही।
Published on:
09 Jul 2018 04:24 pm
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