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कीर्तिमानः परमाणु विद्युत उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर

भारत में अभी रोहिनी नामक स्थान पर यूरेनियम के भंडार मिलने की जानकारी है। यहां रावतभाटा जैसे प्लान्ट को 15 से 20 साल तक संचालित करने के लिए पर्याप्त यूरेनियम मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह मात्रा इससे बढ़ भी सकती है। यह यूरेनियम बहुत अच्छी गुणवत्ता का है। हमें महंगा यूरेनियम नहीं खरीदना पड़ेगा।

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India second in nuclear power generation

India second in nuclear power generation

जब भारत ने पोकरण में परमाणु बम विस्फोट किया था, तो कनाडा के इंजीनियर रावतभाटा प्लान्ट को अधूरा छोड़ गए थे। आज हम अपनी परमाणु तकनीक में इतने आत्मनिर्भर हैं कि कनाड़ा हमसे पीछे है। हम परमाणु विद्युत उत्पादन तकनीक में अब बस अमरीका के पीछे दूसरे सोपान पर खड़े हैं। यह बात शुकवार को परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग सचिव शेखर बसु ने कही।

शेखर बसु शुक्रवार को आरएपीपी की इकाई संख्या 7 व 8 के निर्माण कार्यों की प्रगति जानने के लिए रावतभाटा के दौरे पर आए थे। इस दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रावतभाटा में इकाई संख्या 7 व 8 में काम की गति बढ़ाएं और उच्च गुणवत्तापूर्ण तरीके से विद्युत उत्पादन शुरू करें। रावतभाटा में अच्छा काम हो रहा है। इसकी गति बढ़ाने की आवश्यकता है।

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उन्होंने कहा कि भारत में अभी रोहिनी नामक स्थान पर यूरेनियम के भंडार मिलने की जानकारी है। यहां रावतभाटा जैसे प्लान्ट को 15 से 20 साल तक संचालित करने के लिए पर्याप्त यूरेनियम मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह मात्रा इससे बढ़ भी सकती है। यह यूरेनियम बहुत अच्छी गुणवत्ता का है। ऐसे में हमें महंगा यूरेनियम नहीं खरीदना पड़ेगा। इससे देश का काफी रुपया बचेगा।

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कार्यक्रम में एनपीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि उनके कॅरियर की शुरुआत रावतभाटा से हुई थी। कई प्रोजेक्ट्स का काम मिला । हर प्रोजेक्ट पर जाने से पहले वे रावतभाटा आए और ऊर्जा प्राप्त की। इस दौरान मंच पर परमाणु इकाई संख्या 7 व 8 के परियोजना निदेशक विवेक जैन, अधिशासी निदेशक बीसी पाठक, स्थल निदेशक टी.जे कोट्टीस्वरन भी थे।

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