
मेरठ। सरकारी सिस्टम किस कदर लापरवाह आैर कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है आैर किस तरह लोग अपनी रक्षा करने के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं, उसका जीता जागता उदाहरण है मेरठ के मवाना क्षेत्र के गांव सीना की सर्इदा खातून का। सर्इदा के घर व खेत के आसपास एक दस फीट का अजगर काफी दिनों से घूम रहा था। उसने वन विभाग के अफसरों से इसकी शिकायत भी की, लेकिन वे अपनी टीम आैर उपकरण जुटाने की बात कहकर टाल रहे थे। वन विभाग के कर्मचारियों की अकेले हिम्मत नहीं हो रही थी इस अजगर को पकड़ने की। सर्इदा का परिवार इस अजगर से दहशत में था। बच्चे डर की वजह से घर व खेत में भी नहीं घूम पा रहे थे। गुरुवार को बच्चों ने अजगर को घूमते देखा तो उन्होंने चीखना शुरू कर दिया। सर्इदा को पता चला तो उसने वन विभाग को फोन किया। वहां से टालमटोल जवाब मिला तो सर्इदा खुद ही इस अजगर को पकड़ने के लिए जुट गर्इ आैर फिर...
बच्चों को फिर दिखार्इ दिया था अजगर
दरअसल, घर की छत से बच्चों ने एक बार फिर जब अजगर को देखा तो उन्होंने सईदा को बताया जिस पर सईदा व उनके परिवारवालों ने फिर वन विभाग को अजगर के होने की जानकारी दी, लेकिन जब घंटों तक वन विभाग की टीम मौके पर नही पहुंची, तो इसी बीच वहां पर ग्रामीणों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। इस पर सईदा खातून ने खुद ही अजगर को पकड़ने की ठानी तथा एक बड़ा बोरा लेकर परिवार के सदस्यों के साथ घर के पीछे पहुंच गई तथा उसने काफी मशक्कत के बाद अजगर को पूंछ से पकड़कर उसे बिल से बाहर निकाला तथा बाद में उसे बोरे में बंद कर दिया। सईदा की इस बहादुरी को देखकर गांव वालों ने ‘सीना की शेरनी’ कहते हुए उसकी बहादुरी की खूब प्रशंसा की। वहीं अजगर के पकड़े जाने के जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम झुंझलाते हुए गांव पहुंची, ग्रामीणों ने उन्हें खरी-खोटी सुनार्इ। इसके बाद वन विभाग के लोग अजगर अपने कब्जे में लेकर वापस लौट गए।
Published on:
11 May 2018 09:25 am
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