
asdsad
मेरठ. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से समझौता न कर बसपा और सपा ने एकता का परिचय तो दिया ही, साथ ही राजनीतिक रूप से यह भी जताने की कोशिश कर रहे हैं कि सपा और बसपा दोनों पार्टियां अब भी साथ-साथ हैं। उनके महागठबंधन को कोई नहीं तोड़ सकता। वैसे सपा और बसपा की इस घोषणा से कांग्रेस पर जरा भी असर नहीं पड़ा है। वहीं, सपा और बसपा भले ही महागठबंधन की बातें कर रहे हो, लेकिन ये दोनों दल भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अकेले चलो के सिद्धान्त पर चल रहे हैं। इस बारे में पत्रिका सपा और बसपा के दिग्गज नेताओं से बात की तो उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
सपा नेता बोले कांग्रेसडूबता सूरज
विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन टूटने पर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे शाहिद मंजूर ने कहा कि कांग्रेस का सूरज डूब चुका है। ये ऐसा सूरज है, जो अब कभी निकल नहीं सकता। इसलिए कांग्रेस से गठबंधन की बात तो सोची ही नहीं जा सकती। देश में कांग्रेस की राजनीति और उसकी सरकार बीते कल की बात हो चुकी है। यदि कांग्रेस सपा के पास चलकर आती है तो हमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन कांग्रेस अपनी शर्तों पर विधानसभा चुनाव में गठबंधन चाहे तो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ऐसा हरगिज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में पार्टी की स्थिति मजबूत है। इसलिए पार्टी इन राज्यों में अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल करने की बात करें या नहीं। यह राज्य के विधानसभा चुनाव परिणाम बताएंगे।
यह भी पढ़ेंः पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बजते ही उत्तर प्रदेश में भी सियासत ने ली बड़ी करवत,जानिए क्या हुआ
अन्य प्रदेशों में अभी विकल्प खुले हैं
बसपा के पश्चिम उप्र प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने कहा कि बसपा के पास अभी विकल्प खुले हैं कि वह अन्य प्रदेशों के चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन को स्वीकार करें या नहीं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की मुखिया हालांकि कांग्रेस से महागठबंधन की बात को नकारा है, लेकिन उन्होंने पूरी तरह से अन्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने विकल्प अभी खुले रखे हैं। उन्होंने कहा कि आज बसपा के हाथी की ताकत को देश में सभी राजनैतिक दल मान रहे हैं। भाजपा सरकार जिस तरह से निरंकुश है और दलितों पर अत्याचार कर रही है, उसको एकमात्र बसपा ही रोक सकती है।

Published on:
07 Oct 2018 08:04 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
