
Sanjeev jeeva: यूपी में 90 के दशक में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई में संजीव जीवा और पंजाब के डिम्पी चंदभान उर्फ डिम्पी सरदार से मिले अत्याधुनिक असलहों की ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्तार अंसारी गैंग को संजीव जीवा ने डिप्पी सरकार से अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराए। जिनकी बदौलत मुख्तार गैंग पूर्वाचल में बृजेश सिंह पर भारी पड़ने लगा था।
बताया जाता है ब्रहमदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय की हत्या में भी पंजाब से मिले अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग हुआ था। मुख्तार गैंग को ये अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराने वाला और कोई खुद संजीव जीवा उर्फ संजीव महेश्वरी ही था।
संजीव जीवा की पंजाब के हथियार तस्करों से अच्छी साठगांठ थी। संजीव जीवा ने मुख्तार अंसारी गैंग के लिए कई एके 47 राइफल और अत्याधुनिक पिस्टल खरीदी थी। जिसकी कीमत मुख्तार अंसारी ने अदा की थी।
बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच हुई गैंगवार और वर्चस्व की लड़ाई में जीवा और पंजाब के डिम्पी चंदभान उर्फ डिम्पी सरदार ने अहम भूमिका निभाई। पंजाब से मिले अत्याधुनिक असलहों की बदौलत मुख्तार गैंग पूर्वाचल में अपने विरोधियों पर भारी पड़ने लगा था।
भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के बाद जीवा का नाम पश्चिमी उप्र के बड़े बदमाशों में शुमार हो गया था। इसके बाद संजीव जीवा का वसूली का कारोबार बढ़ता चला गया।
Published on:
09 Jun 2023 09:32 pm
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