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सौरभ हत्याकांड: मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट हुआ या नहीं? जानिए क्या है इस केस में नया अपडेट

मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड में गिरफ्तार मुस्कान रस्तोगी और प्रेमी साहिल शुक्ला इस समय जेल में बंद हैं। जेल में रहने के दौरान दोनों नशे की लत से जूझ रहे हैं जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है। मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट भी करवाए जाने की बात की जा रही है जिसे प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है।

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मेरठ

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Prateek Pandey

Mar 24, 2025

saurabh murder case

सौरभ हत्याकांड: जेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टरों से उनकी जांच कराई और नशे की तलब को कम करने के लिए अब उन्हें दवाएं दी जा रही हैं।

क्या मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट हुआ?

सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है कि जेल प्रशासन ने मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कराया है जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है यानी मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं कराया गया है। जेल में पहले दिन मुस्कान ने खाना नहीं खाया था और उसकी हालत नाजुक हो गई थी। हालांकि दवाइयों और देखभाल के बाद उसकी सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

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जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुस्‍कान और साहिल दोनों नशे के आदी हैं। जब भी कोई बंदी आता है तो उसका स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण कराया जाता है। डॉक्‍टर ने पाया कि उनमें Withdrawal Symptoms थे। नशा मुक्ति के माध्‍यम से काउंसलिंग, योग, ध्‍यान आदि के जरिए नशा छुड़ाने की कोशिश हो रही है। उम्‍मीद है 10 से 15 दिन में नशा छुड़वा दिया जाएगा।

मुस्कान ने की सरकारी वकील की मांग

मुस्कान ने जेल अधिकारियों से सरकारी वकील उपलब्ध कराने की मांग की है। उसका कहना था कि उसका परिवार उसके खिलाफ हो गया है और अब कोई भी उसका केस को नहीं लड़ेगा। जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदी के अधिकारों के तहत उसे सरकारी वकील मिलना चाहिए इसलिए यह अनुरोध न्यायालय को भेजा जा रहा है। जल्द ही अदालत के माध्यम से उसे वकील मिल जाएगा।

मुस्कान-साहिल को एक साथ रहने की अनुमति नहीं

गिरफ्तारी के बाद मुस्कान और साहिल डरे हुए थे और उन्होंने जेल प्रशासन से एक साथ रहने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन जेल नियमों के अनुसार महिला और पुरुष कैदियों को अलग-अलग बैरकों में रखा जाता है। इस पर अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।

जेल अधीक्षक के अनुसार दोनों किस नशे के आदी थे यह स्पष्ट नहीं है। दवाओं के जरिए उनके लक्षणों को नियंत्रित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने बताया कि जेल में किसी भी नए बंदी को पहले 10 दिनों तक कोई काम नहीं सौंपा जाता। इसके बाद अगर वे चाहेंगे तो उन्हें जेल में काम करने का अवसर दिया जाएगा।