
मेरठ। नाम-शाहीन परवेज, काम- समाज सेवा। आज उससे भी बढ़कर उनकी पहचान तलाकशुदा महिलाओं के हक के लिए काम करने की बन चुकी है। यह मुस्लिम महिला कट्टरपंथियों की आंखों की किरकिरी बनी हुई है। अपनी मुखर भाषा और तर्कों के आगे यह समाज सेविका सबकी बोलती बंद कर देती है। अपने इन्हीं हौसले के कारण ही इस महिला को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की संयोजिका के पद से नवाजा गया है, जो कि आरएसएस का ही एक मंच है। शाहीन परवेज तलाकशुदा महिलाओं के लिए काम करने के कारण मुस्लिम लोगों की जुबां पर हैं।
मां से मिली समाजसेवा की प्रेरणा
शाहीन बताती हैं कि उनको समाजसेवा की प्रेरणा बचपन में मां से मिली थी। उनकी मां टीचर थी और वह समाजसेवा करती रहती थी। इन्हीं कामों के कारण उनकी मां के पास लोगों की भीड़ लगी रहती थी। उन्होंने बताया कि मां की प्रेरणा से ही वह आगे आई और समाजसेवा के काम में जुट गई। इसके बाद निकाह हुआ तो पति ने उनको आगे बढाया। पति की हौसलाफजाई के कारण आज वह तलाकशुदा महिलाओं को कानूनी और सामाजिक मदद करने में सक्षम हैं। उनके पास प्रतिदिन तलाकशुदा महिलाएं अपनी समस्या लेकर आती हैं। जिसका निदान वह कानूनी और सामाजिक रूप से करती हैं।
कुरान के साथ पढ़ती हैं सुंदर कांड
शाहीन को दूसरे धर्मों से शुरू से ही लगाव रहा है। इस्लाम धर्म में पैदा होने के बाद भी उनको हिन्दू धर्म से भी विशेष लगाव है। वह कहती हैं कि कुरान तो उनको याद है ही इसके साथ ही वे मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ भी करती हैं। सुंदरकांड उनको पूरी तरह से याद है।
Published on:
22 Sept 2019 08:41 am
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