
मेरठ। मेरठ में 2 अप्रैल को जो हुआ उसे भड़काऊ या आवेश में आकर उठाया जाने वाली घटना करार नहीं दी जा सकती। 'पत्रिका' के हाथ लगे इस वीडियो में जिस तरह से पुलिस चौकी फूूंकी जा रही थी, उसमें आग लगाने के बाद उसको भड़काने के लिए ज्वलनशील पदार्थ का प्रयोग किया जा रहा था। उसे देखकर तो यही लगता है कि यह सब कुछ पूर्व नियोजित था और इस पूरे उपद्रव को पर्दे के पीछे कोई भड़काने का कार्य कर रहा था।
सुबह दस बजे बार्इपास कब्जे में
मेरठ बाईपास पर सुबह दस बजे उपद्रवियों ने बाईपास को अपने कब्जे में ले लिया था। शोभापुर पुलिस चौकी के पास पहुंचे उपद्रवियों ने पहले तो चौकी में तोड़फोड़ की, उसके बाद चौकी के भीतर रखे फर्नीचर में आग लगा दी। इस पूरे प्रकरण के दौरान यहां तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। इसके बाद उपद्रवियों की भीड़ ने चौकी के भीतर टायर फेंककर आग लगा दी। आग लगाने के बाद चौकी में ज्वलनशील पदार्थ डाला गया, जिससे आग का गोला बनने के बाद वह भड़क उठी। उपद्रवियों की इस हरकत का वीडियो मोबाइल से आेवरब्रिज पर खड़े कुछल लोग बना रहे थे। उपद्रवियों को जब पता चला कि उनका वीडियो बनाया जा रहा है, तो उन्होंने फ्लाई ओवर के ऊपर खड़े लोगों पर पथराव कर दिया। उपद्रवियों द्वारा किए गए पथराव में कई राहगीरों का चोटें आई और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। हाथ में डंडे लेकर उपद्रवियों ने फ्लाईओवर पर धावा बोल दिया और जो मिला उसी को डंडे से पीटा। उपद्रवियों का निशाना वे लोग थे जो पूरे हादसे की वीडियो मोबाइल कैमरे से बना रहे थे, लेकिन वीडियो बनाने वाले उपद्रवियो के हाथ नहीं आए।
बाईपास पर चारों ओर फैले थे उपद्रवी
शोभापुर गांव से निकली उपद्रवियों की भीड़ ने बाईपास के चारों ओर कब्जा कर लिया था। आने जाने वाले लोगों से बदसलूकी और तोड़फोड़ करके उन्होंने हाइवे पर पूरा आतंक मचाया।
Published on:
05 Apr 2018 05:19 pm
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