scriptजहरीले सांपों को बीन की धुन पर नचाने वालों को नचा रही योगी सरकार | Snake charmers performed at the collectorate by playing bean in meerut | Patrika News

जहरीले सांपों को बीन की धुन पर नचाने वालों को नचा रही योगी सरकार

locationमेरठPublished: Sep 07, 2021 02:48:30 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

युवा प्रदेश अध्यक्ष सुनील नाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में सपेरों के लिए सुविधा दी गई है, लेकिन यूपी में नहीं।

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मेरठ. जिन सपेरों के बीन की धुन पर जहरीले सांप अपना फन उठाकर लहराने लगते थे आज वहीं सपेरे भाजपा की योगी सरकार में मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं। यानी सांपों को नचाने वाले सपेरों को आज योगी सरकार नचा रही है। अपने हक की मांग के लिए मेरठ में कमिश्नरी चौराहे से कलेक्ट्रेट तक सपेरों ने बीन बजाई। बदहाली में जी रहे सपेरों ने कमिश्नरी से लेकर कलक्ट्रेट तक बीन बजाकर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार से अपना हक मांगा।
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अनुसूचित जाति में शामिल करने की है मांग

सपेरों ने अपने को प्रदेश की अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा। प्रदर्शन कर रहे सपेरा जाति के युवाओं का कहना था कि उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेशों में उनको अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है, लेकिन प्रदेश के गजट में उनको किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी गई है।
रोजीरोटी का संकट हो गया है खड़ा

युवा प्रदेश अध्यक्ष सुनील नाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में सपेरों के लिए सुविधा दी गई है, लेकिन यूपी में नहीं। उन्होंने कहा कि अब सांप को पकड़ने और उनके खेल दिखाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिससे सपेरा जाति के लोगों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार हमारी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करें और हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करें। इस दौरान काफी संख्या में सपेरा जाति के लोग उपस्थित रहे।
सपेरों के उत्थान के लिए की मांग

सपेरा धुमंतु जाति के युवा प्रदेश अध्यक्ष सुनील नाथ ने बताया कि देश के सभी प्रदेशों में सपेरों को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो सपेरों को सरकार ने अपने गजट में शामिल कर उनको अनुसूचित जाति का दर्जा दे दिया है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ है। योगी सरकार में तो उनके जाति प्रमाणपत्र बनने भी बंद हो गए हैं। उन्होंने सपेरा जाति की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि सपेरों के उत्थान के लिए जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए जाए।
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