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कोरोना का कहर! कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए कम पड़ने लगी मिट्टी, सपा विधायक ने दिए 25 लाख

मेरठ शहर विधायक ने मिटटी के लिए दिए 25 लाख। शहर के कब्रिस्तानों में दफीना के लिए नहीं बची जगह। बाहर से मिट्टी लाकर किया गया शवों के दफनाने का इंतजाम।

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मेरठ

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Rahul Chauhan

May 02, 2021

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मेरठ। कोरोना महामारी (coronavirus) के चलते हो रही मौतों से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। श्मशान घाट (shamshan ghat) में पार्किग में शवों को मुखाग्नि देनी पड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर कब्रिस्तान (kabristan) में भी बुरा हाल है। कब्रिस्तान में इन दिनों शवों को दफनाने के लिए मिटटी कम पड़ गई है। जिसके चलते शवों को दफनाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिटटी के साथ ही शवों को दफनाने के लिए मेरठ के कब्रिस्तान में जगह नहीं बची है। इसको लेकर सपा से शहर विधायक रफीक अंसारी ने विधायक निधि से 50 लाख रुपये दिए हैं। जिनमें 25 लाख में शहर के कब्रिस्तान में मिटटी के लिए और 25 लाख रुपये मरीजों के लिए आक्सीजन के इंतजाम के लिए हैं।

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इस बारे में जब शहर विधायक रफीक अंसारी से बात की गई तो उनका कहना था कि पिछले दो हफ्ते से मौतों में इजाफा हो रहा है। जिस कारण कई कब्रिस्तानों में मिट्टी कम पड़ गई है। शव दफनाने में बहुत परेशानी हो रही है। उन्होंने विधायक निधि से रुपये देकर जिलाधिकारी से हजरत बाले मियां कब्रिस्तान, राजपुताना कब्रिस्तान, अंसारियान कब्रिस्तान अहमद नगर, लबेदरिया कब्रिस्तान और फतेहउल्लापुर टंकी के पीछ़े मलिक समाज कब्रिस्तान आदि में मिट्टी डलवाने की व्यवस्था करने को कहा है।

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40 से 50 शव रोज पहुंच रहे कब्रिस्तान

गौरतलब है कि मेरठ के अलग-अलग कब्रिस्तानों में प्रतिदिन औसतन 40-50 शव पहुंच रहे हैं। जिसके चलते मिटटी तो कम पड़ रही रही है। साथ ही शवों को दफीने के लिए जगह भी नहीं मिल रही है। शवों को दफनाने के लिए अन्य दूसरे इंतजाम करने पड़ रहे हैं। लोग लगातार अपनी इस समस्या से अधिकारियों को भी अवगत करा रहे हैं। आरोप है कि किसी तरह की कोई व्यवस्था अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है।