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दुष्कर्म केस से फौजी का नाम निकालने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में महिला थाना प्रभारी निलंबित

locationमेरठPublished: May 08, 2022 08:31:48 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

मेरठ एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने महिला थाना प्रभारी सहित दो को दुष्कर्म मामले में फौजी का नाम निकालने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया। इससे पूरे महिला थाने में हड़कंप मच गया है। महिला थाना प्रभारी और जांच अधिकारी द्वारा फौजी का नाम केस डायरी से निकालने के लिए एक लाख रुपये मांगे जाने का वीडियो अधिकारियों के संज्ञान में आया था। जिसकी जांच के बाद एसएसपी ने कार्रवाई की।

दुष्कर्म केस से फौजी का नाम निकालने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में महिला थाना प्रभारी निलंबित

दुष्कर्म केस से फौजी का नाम निकालने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में महिला थाना प्रभारी निलंबित

दुष्कर्म मामले में फौजी का नाम केस डायरी से निकालने के मामले में एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने की आरोपी महिला थाना प्रभारी और महिला जांच अधिकारी को आज एसएसपी ने निलंबित कर दिया। महिला थाना प्रभारी का नाम मोनिका जिन्दल है। जबकि दुष्कर्म के मामले में जांच कर रही महिला उपनिरीक्षक का नाम रीतू काजल है।
रिश्वत मांगने के मामले की जांच एसपी देहात केशव कुमार पास थी। जिन्होंने जांच करने के बाद आरोप सही पाए। जिसके बाद पैसों के लेन-देन सम्बन्धी शिकायती जाचोंपरान्त आरोप प्रमाणित होने की दशा में इसको गंभीर कदाचार और पुलिस जैसे अनुशासित बल में रहते हुए अशोभनीय कृत्य किये जाने की दृष्टिगत नियमावली-1991 के नियम 17(1)(क) के प्राविधानों के अन्तर्गत महिला थाना प्रभारी मोनिका जिन्दल और उपनिरीक्षक रीतू काजल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया। इसको गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने इन दोनों के खिलाफ नियमानुसार अभियोग पंजीकृत करने के आदेश दिए है।
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ये था मामला
मेरठ महिला थाना एसओ मोनिका जिंदल पर एक लाख रुपये रिश्ववत के आरोप लगे। इसमें महिला थाने की दरोगा रितु भी शामिल बताई गई। पीड़ित द्वारा पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की गई। इसका वीडियो भी एसएसपी को दिया गया था। जिसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच बैठा दी थी। महिला थाने में मोनिका जिंदल एसओ हैं। जिले के थाने में तैनात होमगार्ड के एक रिश्तेदार ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई कि दुष्कर्म के झूठे मामले में उनके भाई जो कि फौज में हैं नाम निकालने के लिए एक लाख रूपये की रिश्वत मांगी गई थी।

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