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मेरठ में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के कार्यक्रम में छात्रों ने मजकर किया हंगामा

हंगामा कर रहे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने भेज दिया

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मेरठ

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Iftekhar Ahmed

Jun 23, 2018

Dr. Dinesh Sharma

मेरठ में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के कार्यक्रम में छात्रों ने मजकर किया हंगामा

मेरठ. मेरठ आए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रम में छात्रों ने जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों के हंगामे को देख पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। हालांकि, पुलिस ने हंगामा कर रहे छात्रों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। दरअसल, छात्रों के इस हंगामें की प्रशासन को भनक तक नहीं थी। छात्रों ने जिस समय हंगामा शुरू किया। उस वक्त समय उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा मेरठ के एनएएस कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे और कॉलेज में आए लोगों से मुलाकात कर रहे थे। इस दौरान कुछ छात्रों ने भी उपमुख्यमंत्री से मिलने की बात कही, लेकिन छात्रों को उपमुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया। इसलिए उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

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ये था मामला
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शनिवार को मेरठ दौरे पर थे। इस दौरान उनको कई कार्यक्रमों में भाग लेना था। इसी कड़ी में एनएएस कॉलेज में माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन राज्य सम्मेलन एवं विचार गोष्ठी में भी वे मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित थे। नियत समय पर वे एनएएस कालेज पहुंचे, जहां पर शिक्षक संघ से एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा ने उनका स्वागत किया। इस दौरान वे कार्यक्रम में आए अन्य लोगों ने मिलने लगे। इसी बीच एनएएस कॉलेज के छात्रों का एक दल छात्र नेता नितिन के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री से मिलने भीतर जाने लगा। छात्रों के इस दल को गेट पर ही रोक लिया गया और भीतर जाने से मना कर दिया गया। छात्र भीतर जाने की मांग पर अड़ गए और गेट पर ही हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान वे लोग छात्र एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। नारे की आवाज उपमुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने गेट की ओर देखा, जिसके बाद हॉल में मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी गेट की ओर दौड़ पड़े और उन्होंने हंगामा कर रहे छात्रों को वहां से हटाकर थाने भिजवा दिया। छात्र नेता नितिन का कहना है कि वे लोग अपनी समस्या और कॉलेज की समस्या से संबंधित ज्ञापन देने उपमुख्यमंत्री के पास जा रहे थे, जिस पर उन्हें रोक लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कैसी सरकार है, जो लोगों की समस्या सुनने के बजाया लोगों को थाने में बैठा देती है।