
जब अटल जी को नहीं बाेलने देने की चुनौती दी स्वामी अग्निवेश ने, इस तरह किया गया था नेस्तनाबूद
मेरठ। मेरठ में अटल बिहारी वाजपेयी जी के संस्मरण भरे हुए हैं। मेरठ के जितेन्द्र अग्रवाल जो कि आर्य समाज मेरठ से काफी समय से जुड़े हुए हैं। वह अपना और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक संस्मरण साझा करते हुए बताते हैं कि आज से 40 साल पहले 1978 में मेरठ शहर आर्य समाज का 100वां स्थापना दिवस समारोह जीआईसी के मैदान में मनाया जा रहा था। समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी बुलाया गया था।
कार्यक्रम में वाजपेयी का होना था भाषण
कार्यक्रम में उनका भाषण होना था। अटल जी के भाषण के पहले दिन आर्यसमाज की आपसी गुटबंदी में स्वामी अग्निवेश जिनका असली नाम (‘श्याम वेपाराव’ है) ने यह घोषणा कर दी कि वे लोग मेरठ में आयोजित इस कार्यक्रम में अटल जी को बोलने नहीं देंगे। जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उनकी यह घोषणा हम सभी जनसंघियों के लिए चुनौती थी। हमारे द्वारा भी घोषणा की गई कि किसी में इतनी ताकत नहीं जो अटल जी के भाषण में विघ्न पैदा कर सके। उन दिनों जितेन्द्र अग्रवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा मेरठ महानगर के अध्यक्ष (संस्थापक) थे। उनके पास युवाओं की एक बड़ी टीम थी। मेरठ के पूर्व विधायक और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत भी उस समय उस टीम में थे और महानगर उपाध्यक्ष हुआ करते थे। पार्टी द्वारा जितेन्द्र को अटल जी की सुरक्षा का भार सौंपा गया।
अटल जी के भाषण को नहीं रोक पाए
अगले दिन अटल जी मेरठ आकर प्रहलाद वाटिका में राजेश्वर जी के घर रुके। वहां से युवा मोर्चा की टीम अपने सुरक्षा घेरे में जीप में अटल जी को जीआईसी मैदान लेकर आई। बकौल जितेन्द्र मैं मंच पर अटल जी के पीछे मुस्तैद रहा। मैंने अपने साथियों से कह दिया था कि यदि कोई भी अटल जी के भाषण के बीच विघ्न डालने की कोशिश करे तो उसे तुरंत घेरकर सभा से बाहर ले जाएं और जमकर तुड़ाई करें। अटल जी अपना भाषण देते रहे और लोग मंत्रमुग्ध होकर उनका भाषण सुनते रहे। कोर्इ किसी तरह का विध्न नहीं कर पाया।
Published on:
19 Aug 2018 05:34 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
