
कल 18 फरवरी शनिवार को शुभ मुहूर्त में करें महाशिवरात्रि पर शिवपूजा
महाशिवरात्रि फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस बार महाशिवरात्रि 2023 पर 60 साल बाद त्रिग्रही योग, शनि प्रदोष व्रत और सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। ये तीनों योग इस बार एक साथ हैं।
इस कारण से महाशिवरात्रि और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी के अनुसार ये महाशिवरात्रि इन तीनों योग के लगने से मनोकामना पूरी करने वाली मानी जा रही है। मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना, जप, दान आदि करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।
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इस मुहूर्त में मनाएं महाशिवरात्रि पर्व
चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात्रि 8:03 से शुरू होकर 19 फरवरी को शाम 4:19 मिनट तक रहेगी। त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी को रात्रि 11:37 मिनट से शुरू हो जाएगी। महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा चार प्रहर में करने का विधान है।
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महाशिवरात्रि के साथ होगा शनि प्रदोष व्रत, होगी अमृत वर्षा
ज्योतिषविद् पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी ने बताया कि इस साल महाशिवरात्रि पर सूर्य, चंद्रमा, शनि कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। इससे तीन ग्रहों का योग बन रहा है। इस दिन शनि प्रदोष व्रत है।
भगवान शिव को प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि दोनों प्रिय है। ये दोनों व्रत एकसाथ होने से मनुष्य के जीवन में सुख शांति होगी।
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ये साल का पहला शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत संतान की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन अविवाहित कन्याओं को अच्छा वर प्राप्त करने के लिए माता पार्वती की उपासना करनी चाहिए।
Published on:
17 Feb 2023 06:59 pm
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