
शोभित विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ में रूद्राक्ष पर शुरू हुई कार्यशाला में मंचासीन अतिथिगण।
शोभित यूनिवर्सिटी मोदीपुरम में दो दिवसीय फर्स्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन साइंस ऑफ रुद्राक्ष 2023 का आयोजन हुआ। इस अवसर पर रुद्राक्ष मेले का आयोजन किया गया। साथी वक्ताओं ने रुद्राक्ष पर हो रहे हैं और किए गए शोध कार्यों का बखान करते हुए जानकारी दी। दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ सांसद राजेंद्र अग्रवाल, डीएफओ राजेश कुमार (आईएफएस), कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र एवम योग गुरु सोहम ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।
प्रत्येक जड़ या तना औषधि के रूप में प्रयोग में आती है
मुख्य अतिथि सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने विवि को रिसर्च एवं डेवलपमेंट में अग्रणीय स्थान पाने के लिए बधाई दी। उन्होंने व्याख्यान में बताया कि प्रत्येक जड़ या तना औषधि के रूप में प्रयोग में आती है। उन्होंने रुद्राक्ष को शिव की करुणा का प्रतीक बताया। डीएफओ राजेश कुमार ने जीवन में पौधे के महत्त्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रकृति को बचने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
पूरे देश में पहली बार रुद्राक्ष के थीम पर कांफ्रेंस आयोजित
कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने बताया कि रुद्राक्ष पर आयोजित ये कांफ्रेंस एक अनूठा कार्यक्रम है। जो कि पूरे देश में पहली बार रुद्राक्ष के थीम पर आयोजित की जा रही है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के अश्रुओ से हुई है और इसमें कही न कही शिव का डीएनए मौजूद है। रुद्राक्ष का पौधा लुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आता है और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।
जर्मनी से आई शीलकी ने रुद्राक्ष के विभिन्न महत्वता पर प्रकाश डाला
योगा गुरु सोहम ने कहा कि रुद्राक्ष वृक्ष के फलों के वैज्ञानिक महत्व पर शोभित विवि और इनका प्राकृतिक औषधियों और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए प्रयत्नशील है। सोहम ने कहा कि इनके बीजों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो रोगों के खिलाफ स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। रुद्राक्ष के बीजों की माला धारण करने से हृदय और सिस्टमिक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जर्मनी से आई शीलकी ने रुद्राक्ष के विभिन्न महत्वता पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर डॉक्टर रंजीत सिंह ने रुद्राक्ष की थीम को प्रजेंट किया
इसके बाद सेंटर फॉर रिसर्च ऑन रुद्राक्ष की डॉ. मनीष रस्तोगी व डॉ. शिवा शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की जानकारी दी। इसके बाद वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. जयानंद ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया। वाइस चांसलर गंगोह शोभित यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर डॉक्टर रंजीत सिंह ने रुद्राक्ष की थीम को प्रजेंट किया। मंच का संचालन डॉ नेहा वशिष्ट ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिव्या प्रकाश ने किया।
इस मौके पर यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट अवार्ड, बायोमेडिकल एंटरप्रेन्योर अवार्ड, यंग साइंटिस्ट अवार्ड, डॉक्टोरल रिसर्च फेलो अवार्ड और रिसर्च फेलो अवार्ड और रिसर्च फेलो अवार्ड भी प्रदान किया गया।
पहले दिन 75 शोध पत्र प्रस्तुत हुए
डॉ. निति शर्मा साउथ अफ्रीका, प्रोफेसर सीएम हुसैन अमेरिका, डॉ. शांतनु पात्रा डेनमार्क सहित 75 शोध पत्र पहले दिन प्रस्तुत किए गए।
रुद्राक्ष मेले में अद्भुत नजारे
रुद्राक्ष मेले में फेस पैक, साबुन और कई तरह की मालाएं दिखाई। जो की यूनिवर्सिटी स्तर पर शोध कार्य के बाद तैयार की गई। इसके अलावा सहजन का साबुन मेले में दिखाई दिया। साथी कई तरह के आकर्षण दीपक भी मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र बने रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने मन मोहा
सांस्कृतिक कार्यक्रम में गणेश वंदना , कृष्णा लीला, योग आसान प्रस्तुति ने सभी का मन मोहा। शोभित विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कॉलेज के विद्यार्थी रुद्राक्ष मिले एवं विभिन्न इवेंट्स पर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेंगे जिसे तैयार कर विभाग में सबमिट करेंगे।
Published on:
27 Oct 2023 06:59 pm
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