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UP BOARD RESULT 2018: परिणाम से पहले इस तरह दूर करें टेंशन, पेरेंट्स भी करें ये काम

यूपी बोर्ड का रिलज्ट आने से पहले पेरेंट्स और बच्चों को कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।

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मेरठ

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Rahul Chauhan

Apr 28, 2018

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मेरठ। उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा के रिजल्ट का काउंट डाउन शुरू हो गया है। इससे छात्रों के दिलों की धड़कने भी बढ गई हैं। परीक्षा में जिन छात्रों को उम्मीद है कि उन्होंने अच्छा नहीं किया। जाहिर सी बात है कि वे छात्र इस समय अधिक टेंशन में होंगे। उन्हें और उनके परिजनों को बच्चों के करियर की चिंता सता रही होगी। लेकिन मेडिकल कॉलेज की साइक्लोजिस्ट डा. सोना कौशल भारती की मानें तो यह समय छात्र के लिए बेहद अहम होता है। उससे भी अहम होता है छात्र के प्रति उसके परिवार द्वारा किया जाने वाला व्यवहार।

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छात्र को खुद ही अपने करियर के इस अहम मोड़ पर बेहद संयमित ढंग से काम लेना चाहिए। ऐसे परिजन जिनके बच्चे बोर्ड परीक्षा में बैठे थे और उनका रिजल्ट आने वाला है उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान आवश्य रखना चाहिए। परीक्षा परिणाम के इस दबाव में कुछ बातों का ध्यान रखकर ही वे छात्रों के बेहतर भविष्य और उन्हें तनाव मुक्त बना सकते हैं।

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ये तो करियर की षुरूआत है मौके और भी है

डॉक्टर का कहना है कि छात्र को अपने प्रति सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। उसे सोचना चाहिए कि यह तो सिर्फ करियर की शुरुआत है। बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करेंगे। पांच साल बाद यह कोई नहीं देखेगा कि आपके 12वीं बोर्ड परीक्षा में कितने अंक आए थे, बल्कि देखा ये जाएगा कि आपने इसके बाद क्या किया है।

बोर्ड का रिजल्ट देखने के लिए इस पर क्लिक करें

तनाव पर ऐसे पाएं काबू

डॉ. सोना कौशल भारती के अनुसार छात्रों को इस अवस्था में अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा लेना चाहिए। छात्रों को अपनी परफॉर्मेंस पर ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। नई चीजों को प्लान करने के साथ ही अपने पास होने की खुशी मनाने की तैयारी करनी चाहिए। दिन को एंजॉय करें और यह सोचे कि अब आप इंटर से निकलकर ग्रेजुएशन में प्रवेश करेंगे। एक्जाम और उसके परिणाम के फोबिया को अपने दिल से निकाल देना चाहिए।

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अपने मनपसंद काम में लगाए ध्यान

डा. भारती के अनुसार छात्र इस दिन अपना मनपसंद काम करें। जैसे पिक्चर देखना और अपना मनपसंद खेल खेलना। कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो वह भी करें। खुद को किसी न किसी तरीके से व्यस्त रखें। ऐसे काम करें जिससे आपका मूड अच्छा रहे। इसकी जरूरत भी है क्योंकि अब आपको कॉलेज एडमिशन व काउंसलिंग की ओर रुख करना है।

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अपने बच्चे की किसी दूसरे न करें तुलना

डा. भारती के अनुसार अभिभावक को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से बिल्कुल न करें। खासकर ऐसे समय में जबकि उसका परीक्षा परिणाम अन्य बच्चे की तुलना में खराब आया हो। परीक्षा में अच्छा करने वाले बच्चों की मिसाल देकर अपने बच्चे को और हतोत्साहित और निराश करना गलत है। इससे बच्चे का अत्मविश्वास गिरता है और वह निराश हो जात है। ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनका करियर का फैसला नहीं कर सकती। भविष्य की ओर देखें, बीते हुए की ओर नहीं।