
किसानों ने कहा- प्रधानमंत्री जी, नहीं चाहिए गन्ने का भुगतान, देश के लिए खरीद लो गोला-बारूद, देखें वीडियो
केपी त्रिपाठी, मेरठ। पुलवामा हमले के विरोध में अब किसान भी मुखर हो उठे हैं। देश हित में किसानों को न तो अपने गन्ने के बकाया भुगतान की चिंता है और न ही अपने खेत-खलिहान की। खेत में किसान और सीमा पर जवान वाली कहावत को मेरठ का किसान चरितार्थ कर रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में 44 जवानों के शहीद होने के बाद देश भर में आक्रोश की लहर है। लोग पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
देश के कई इलाकों में बंद का आह्वान किया गया था। सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू समेत काश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया। इसी कड़ी में जम्मू में अभी भी पूरी तरह से बंदी है। वहां पर सभी दुकानें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हैं। लोगों ने जम्मू मुख्य मार्ग तक बंद कर प्रदर्शन किया साथ ही जगह-जगह पर पाकिस्तान का पुतला फूंका। वहीं देश में भी आतंकवाद के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। पश्चिम उप्र का जो किसान कभी गन्ने के भुगतान को लेकर सड़क पर उतर आता था। वह किसान आज देश के साथ है। सीमा पर जो जवान देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं, उनके साथ है। गांव झड़ीना के किसान गयाशरण, शिवकुमार, विनोद, इकबाल और प्रमोद त्यागी का कहना है कि हमें नहीं चाहिए गन्ने का बकाया भुगतान का पेमेंट।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास अगर पैसे की कमी है तो हम किसान सरकार को रूपये देने के लिए तैयार हैं। मोदी पाकिस्तान पर आक्रमण करें। हमे गन्ना भुगतान नहीं चाहिए। सरकार उन रूपयों से देश के लिए गोला-बारूद खरीद ले और देश की रक्षा के लिए लगा दे। गयाशरण किसान ने कहा कि आज देश को सुरक्षा की अधिक जरूरत है। किसान देश के जवानों के साथ है। देश की सुरक्षा के लिए किसान कुछ भी कर सकता है। सरकार को अब अधिक देर नहीं करनी चाहिए।
Published on:
23 Feb 2019 04:22 pm
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