
किसानों पर खुुफिया नजर, आंदोलन पर अंकुश लगाने की योगी सरकार की यह है प्लानिंग
मेरठ। किसानों के 'गांव बंद आंदोलन' को लेकर सोशल मीडिया के ग्रुपों पर चल रहे मैसेज और वीडियो पर खुफिया विभाग की नजर है। किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया के ग्रुप पर भेजे जा रहे भड़काऊ संदेशों से खुफिया विभाग को सरकार के खिलाफ माहौल बनने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसका असर पूरे देश में पड़ सकता है। खुफिया विभाग ने एक जून से शुरू हुए आंदोलन के बाद कई किसानों के वाट्सअप ग्रुपों पर कई ऐसे वायरल वीडियो पकड़े हैं, जो पिछले साल के आंदोलन के हैं और उनको इस साल के किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। आईबी के सूत्रों की मानें, तो ऐसे ग्रुप एडमिन पर सख्ती के साथ कार्रवाई करने के आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी हुए हैं। मप्र में आंदोलन के दौरान रतलाम शहर में दो ग्रुप एडमिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई है।
सोशल मीडिया पर आंदोलन रोकने की कोशिश
लखनऊ पुलिस मुख्यालय से भी स्थानीय अभिसूचना इकाई को एलर्ट किया गया है। इसमें कहा गया है कि वे ऐसे ग्रुपों पर नजर रखें, जो खासकर किसानों के लिए बनाए गए हैं और उन पर गांव बंद आंदोलन के फोटो और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में जहां पर आंदोलन में तेजी आ रही है उन राज्यों के आंदोलन प्रभावित जिलों में भी धारा 144 लगाई है और कुछ जिलों में सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने पर रोक के लिए इस धारा का इस्तेमाल किया गया है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पहले और दूसरे दिन किसान आंदोलन पूरी तरह शांत रहा और किसानों ने शांतिपूर्वक इसका विरोध किया।
प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग तैयार
किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग को तैयार रहने के निर्देश गृह मंत्रालय से तीन दिन पहले ही आ गए थे। इसमें कहा गया है कि किसी भी शहर में आंदोलन के दौरान आने वाले दिनों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, ऐसे इंतजाम किए जाएं। सरकार ने दस जून के भारत बंद आंदोलन को लेकर वेस्ट यूपी के जिलों के पुलिस व प्रशासन को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
Published on:
02 Jun 2018 08:01 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
