मेरठ। बेसिक शिक्षा को सुधारने के दावे भले ही कागजों और उसकी वेब साइट पर किए जा रहे होें, लेकिन हकीकत इससे पूरी तरह से अलग है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद दावे किए जा रहे थे कि बेसिक प्राइमरी स्कूलों और उसमें पढ़ने वाले बच्चों के दिन बहुरेंगे, लेकिन अभी तक स्कूलों और उसमें पढ़ार्इ करने वाले बच्चों की दशा पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। सर्दी के मौसम में स्कूल में आने वाले बच्चों को दिए जाने वाला स्वेटर नवंबर आधा बीत जाने के बाद भी नहीं मिल पाए हैं। जिस कारण नौनिहाल ठंड में मात्र एक शर्ट में स्कूल जाने को मजबूर हैं। अधिकारी बोलने से बच रहे हैं।