
मेरठ। मेरठ नगर निगम के मेयर पद पर बसपा की सुनीता वर्मा ने भाजपा की कांता कर्दम को हराकर जीत हासिल की है। भाजपा अतिउत्साह में इस पद पर अपनी जीत माने बैठी थी, लेकिन जब हाथी मदमस्त होकर चला तो भाजपाइयों के पसीने छूटने लगे। यही वजह थी कि परतापुर कतार्इ मिल मतगणना स्थल पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी समेत तमाम बड़े नेताआें को हाथी की चाल की भनक मिल गर्इ थी। सुबह आठ बजे शुरू हुर्इ मतगणना के बाद वे दोपहर 2.40 पर मतगणना स्थल पर पहुंचे। इसके बावजूद भाजपा नेताआें की यह टीम उम्मीदवार कांता कर्दम से नहीं मिली, बल्कि दूसरे मामले में प्रेक्षक से मिलने पहुंची। वहीं हार के बाद भाजपा प्रत्याशी कांता कर्दम ने कहा कि हिन्दू वोटें 70 से 80 फीसदी गायब हुर्इ हैं, जिस वजह से यह सब हुआ।
कांता कर्दम ने कहा, इसके पीछे साजिश
बसपा उम्मीदवार से हारी भाजपा की कांता कर्दम ने कहा कि हार का ठींकरा विपक्षी दलों पर फोड़ा है। भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि सपा का वोट बसपा को पड़ा, यह कैसे हुआ पता नहीं, लेकिन हुआ यही। उन्होंनेे कहा कि संगठन ने उन्हें पूरा सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ हुई है। हिन्दू वोटें 70 से 80 फीसदी गायब हुर्इ हैं, यह किसने काटीं है, इस बारे में जांच होनी चाहिए। कांता कर्दम ने कहा कि भाजपा र्इमानदारी से काम करती है, हिन्दू वोटें गायब कराने की यह साजिश की गर्इ है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, सत्तारूढ़ दल बनकर मत रहो
मेयर पद पर भाजपा उम्मीदवार कांता की हार के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक डाॅ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश में निकाय चुनाव के कारण भाजपा को यश मिला है। दुर्भाग्य से क्रांतिधरा को जीत का यश नहीं मिल पाया। यह सोचने वाली बात है कि भाजपा के 90 में से 40 पार्षद जीते हैं, लेकिन मेयर पद पर हार मिली। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह जानदेश है आैर इसे हमें स्वीकार करना चाहिए। इससे हमें यह भी सीखने को मिला है कि सत्तारूढ़ दल बनकर हमें नहीं रहना है, बल्कि सड़क की लड़ार्इ लड़नी होगी। जो कमियां हैं, उन्हें दूर करना होगा आैर संगठन को बैठकर इस हार पर विचार करना होगा।
Published on:
02 Dec 2017 11:03 am
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