दरअसल, शनिवार को मेरठ में जिस दौरान योगी की रैली हो रही थी। उस समय एक टेम्पो चालक साकेत पर सवारियों को उतार रहा था और वहां पर काफी देर से अपना टैंपो खड़ा किया हुआ था। डयूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के टीआई नरेश और सिपाही पुष्पेन्द्र ने ट्रेम्पो चालक से वहां से टैंपो हटाने को कहा और टैंपो के कागज मांगे। इस पर ट्रेम्पो चालक ने घर मोबाइल कर बेटे से टेंपो के कागज लाने को बोला। चालक के बेटे विपिन का आरोप है कि वह कागज लेकर वहां पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उससे गाली गलौज की। उसने पुलिसकर्मियों को बताया कि वह बजरंग दल का कार्यकर्ता है।
आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मी उसे सिविल लाइंस थाने ले आए और उसकी पिटाई की। इस बात की सूचना पर बजरंग दल के प्रान्तीय अध्यक्ष बलराज डूंगरपुर को लगी तो वह कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंच गए। वहां जमकर नारेबाजी और हंगामा हुआ। इस दौरान कार्यकर्ताओं-पुलिसकर्मियों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। वे विपिन को रिहा करने और थाने के एसओ समेत दोषी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। एसएसपी ने मामला संज्ञान में आते ही एसपी सिटी और सीओ सिविल लाइंस को मौके पर भेजा। दोनों अधिकारियों के सामने भी कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का मुक्की जारी रही। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मामला बिगड़ता देख एसपी सिटी मान सिंह चौहान ने विपिन को तत्काल थाने से छोड़ने के आदेश दिए और साथ ही बजरंग दल के नेताओं को आश्वासन दिया कि जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बजरंग दल के प्रान्तीय अध्यक्ष ने बताया कि उनकी ओर से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी गई है। एसपी सिटी ने एसओ सिविल लाइंस को हटाने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। सीओ सिविल लाइंस चक्रपाणी त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। बजरंग दल ने उन्हें सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की बात भी कही है, जो भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।