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विवेक हत्याकांड की तर्ज पर मेरठ में भी हो सकती थी बड़ी घटना, इसमें भी पुलिस की लापरवाही आर्इ सामने

पुलिस ने पार्षद को किया गिरफ्तार, वीडियो आर्इ सामने

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मेरठ

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Nitin Sharma

Oct 21, 2018

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विवेक हत्याकांड की तर्ज पर मेरठ में भी हो सकती थी बड़ी घटना, इसमें भी पुलिस की लापरवाही आर्इ सामने

मेरठ। लखनऊ के गोमतीनगर में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड की तर्ज पर ही शुक्रवार देर रात मेरठ के एक होटल में भी यह बड़ी घटना हो सकती थी। फर्क सिर्फ इतना है कि इस वारदात में यूपी पुलिस के सिपाही की जगह दरोगा शामिल था।जिसमें पुलिस की लापरवाही भी सामने आर्इ है। हालांकि गनीमत रही की यह एक बड़ा हादसा टल गया।वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने सारे मामले को संभालते हुए इसमें भाजपा नेता को जेल भेजने के साथ ही दरोगा पर भी जांच बिठा दी है। इतना ही नहीं इस वारदात की एक के बाद एक कर्इ वीडियो सामने आ रही है।

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें-दरोगा की पिटाई के बाद एक्टिव मोड में यूपी पुलिस, भाजपा नेता पर इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला

होटल में बैठे दरोगा आैर पार्षद में हुर्इ थी पिस्टल को लेकर झपटा-झपटी

दरअसल नेशनल हाइवे स्थित होटल ब्लैक पेपर में शुक्रवार रात होटल मालिक भाजपा पार्षद आैर होटल में बैठे दरोगा व उसकी महिला के मित्र के बीच झगड़ा हो गया। इसबीच दरोगा ने अपनी सरकारी पिस्टल निकाल ली। दरोगा, पार्षद और महिला तीनों ही पिस्टल के साथ जूझते रहे। बड़ा सवाल यह है कि ऐसे में यदि गोली चल जाती तो कौन जिम्मेदार होता। मोहिउद्दीनपुर चौकी इंचार्ज सुखपाल पंवार अपनी सर्विस पिस्टल के साथ होटल में मौजूद थे। वहां ऐसी स्थितियां पैदा हुईं कि बवाल हो गया। दरोगा की पिटाई हुई। महिला से अभद्रता हुई। जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान पिस्टल को लेकर तीनों झपटा झपटी हो रही है। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है किस तरह दरोगा महिला आैर पार्षद अपनी अपनी तरह पिस्टल को खिंच रहे है। एेसे में पिस्टल का ट्रिगर दब जाता। तो किसी की भी जान जा सकती थी।

पिस्टल निकालने के बाद दरोगा ने फिर से रखी

हालांकि दरोगा ने पिस्टल को लेकर झपटा झपटी के बाद महिला मित्र आैर पार्षद के हाथों में पिस्टल जाने से बचार्इ। आैर उसे वापस से अपने कवर में रख लिया। इसके बाद दरोगा ने खड़े होकर पिस्टल के कवर की डोरी को कस लिया। वहीं इसबीच ही महिला के क्राॅकरी फैलने पर पार्षद आैर दरोगा के बीच मारपीट हो गर्इ। जहां पार्षद ने दरोगा का काॅलर पकड़ते हुए हाथ छोड़ दिया। वहीं सवाल यहां भी है कि अगर इस छीनाझपटी में दरोगा की पिस्टल से गोली चल जाती तो अनहोनी हो सकती थी। गनीमत रही कि दरोगा ने गोली नहीं चलाई। नहीं तो लखनऊ में कुछ दिनों पहले हुए विवेक हत्याकांड जैसे ही प्रकरण दोहर सकता था।