
विवेक हत्याकांड की तर्ज पर मेरठ में भी हो सकती थी बड़ी घटना, इसमें भी पुलिस की लापरवाही आर्इ सामने
मेरठ।उत्तर प्रदेश के मेरठ में होटल मालिक भाजपा पार्षद आैर दरोगा के मारपीट मामले में अब चौंकाने वाली सच्चार्इ सामने आर्इ है। दरअसल यह सच्चार्इ दरोगा ने अपना पक्ष रखते हुए बतार्इ। यहां उन्होंने कर्इ एेसी बातें कहीं जो अब तक सामने नहीं आर्इ है। वहीं दरोगा की पिटार्इ करने वाले पार्षद को कोर्ट ने पहले ही जेल भेज दिया। साथ ही दरोगा सुखपाल सिंह को लाइनहाजिर कर दिया गया था। जहां से छुट्टी लेकर वह अपने गांव चले गये।
दरोगा ने बताया इस लिए गया था होटल
पार्षद से होटल में हुए विवाद के बाद दरोगा सुखपाल सिंह को लाइनहाजिर कर दिया गया। वहीं उन्होंने एक मीडिया संस्थान से हुर्इ बातचीत में उस दिन होटल पहुंचने तक की कहानी बतार्इ। रिपोर्ट के अनुसार पार्षद दरोगा ने बताया कि शुक्रवार को दशहरा मेले में ड्यूटी लगी थी। दिनभर खाना नहीं खाया, शाम को सात बजे गांव में पुतला दहन के बाद थाने पहुंचा था। यहां इंस्पेक्टर ने कहा कि महिला अधिवक्ता के केस में मुल्जिमों की गिरफ्तारी होनी है। जिसके बाद अपनी कार से बाईपास पर होटल ब्लैक पेपर पहुंच गया। यहां केस की वादी महिला अधिवक्ता भी आ गई। खाना मैंने मंगाया था और वेटर से कॉफी को लेकर महिला की कहासुनी हो गई। होटल मालिक मनीष चौधरी आया तो वह गाली गलौज करने लगा। दरोगा ने बताया कि पार्षद ने पहले ही मेरा मोबाइल छिन लिया। इससे पहले मैंने इंस्पेक्टर को मामले की सूचना दे दी। साथ ही पार्षद को बताया था कि मैं उनके पिता मुझे जानते है। लेकिन पार्षद ने मारपीट शुरू कर दी।
नशे में होने लगाया जा रहा है आरोप
वहीं दरोगा सुखपाल ने आरोप लगाया मैंने उस दिन खाना तक नहीं खाया था। शराब तो दूर की बात है। मुझ पर बार बार शराब पीने का आरोप लगाया गया। जबरन मेरी पिस्टल निकालने की कोशिश की तब मैं भिड़ गया। मैंने पिस्टल को कवर के अंदर रखा। उसके बाद भी होटल मालिक ने मुझे कई थप्पड़ जड़े तो दूसरे कर्मचारी ने मुझे खींचकर गिरा दिया।
Published on:
23 Oct 2018 11:34 am
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