
विवेक तिवारी हत्याकांडः 5 अक्टूबर को पुलिस के काला दिवस का पोस्टर वायरल होने से विभागीय अफसर सतर्क
मेरठ। विवेक तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी के समर्थन में आए अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का पोस्टर वायरल होने से जोन और रेंज में पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए है। हालांकि मेरठ जोन और रेंज में ऐसी किसी भी गतिविधि से पुलिस अधिकारियों ने इंकार किया है, लेकिन माना जा रहा है कि चूंकि हत्या का आरोपी प्रशांत चौधरी मेरठ जोन का ही निवासी है, इसलिए यहां के पुलिस कर्मियों की सहानुभूति उसके साथ हो सकती है। इसलिए पुलिस अफसरों ने स्थानीय अभिसूचना इकाई को सतर्क कर दिया है। जोन के सभी जिलों के कप्तानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी निर्देश दिए गए है कि कहीं कोई पुलिसकर्मी कल अचानक से अवकाश पर न हो। इसके अलावा लखनऊ या फिर इलाहाबाद जाने वाले पुलिसकर्मियों पर पूरी नजर रखी जाए। वह अगर सरकारी काम से जा रहा है तो ठीक है नहीं तो अगर अचानक से मेरठ से इलाहाबाद जा रहा है तो पूरी जानकारी की जाए। कल यानी पांच अक्टूबर शुक्रवार को सभी पुलिसकर्मियों पर डयूटी पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। पांच अक्टूबर को कोई भी पुलिसकर्मी अवकाश पर नहीं होगा। अगर किसी ने पहले से अवकाश की संस्तुति ली है तो वह जा सकता है।
पत्नी कर चुकी है हंगामा
बताते चलें कि लखनऊ के गोमती नगर इलाके में एपल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के आरोप में आरक्षी प्रशांत चौधरी के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रही उसकी आरक्षी पत्नी राखी मलिक ने लखनऊ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के शिविर कार्यालय पर हंगामा किया था। आपको बता दें कि प्रशांत चौधरी यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला है। 2015 में प्रशांत यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। प्रशांत की पत्नी राखी मलिक भी यूपी पुलिस में कांस्टेबल है और लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही तैनात है। सूत्रों के हवाले से ऐसी भी खबरें मीडिया में आई कि विभाग में बगावत की आग उठ चुकी है। सोशल मीडिया पर तो इस बगावत की चर्चा का दिन भी निश्चित हो गया है और वह है पांच अक्टूबर। सोशल मीडिया पर एक पत्र के साथ एक फोटो वायरल हो रही है। जिसमें लिखा है कि आगामी पांच अक्टूबर को यूपी पुलिस विभाग में काला दिवस मनाया जाएगा। यह बगावत खास कर दो मामलों की वजह उठी है। पहला कि बिना जांच के हत्यारोपी सिपाही पर दो एफआईआर दर्ज कर ली गई। उसको बचाव का कोई मौका नहीं दिया गया। दूसरा सिपाही को एफआईआर दर्ज नहीं करवाने दी गई। वहीं अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के आरोपी सिपाही पक्ष में उतरने से पुलिस में बगावत को लेकर माहौल बना है।
बोले अधिकारी
इस बारे में जब आईजी रामकुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसा कुछ नहीं सब अफवाह है। कहीं कोई काला दिवस नहीं मनाने जा रहा। सभी लोग अपनी ड्यूटी का निर्वाहन कर रहे हैं। सुना था कि कहीं से कोई पोस्टर वायरल हो रहा है, लेकिन अभी देखा नहीं है।
Published on:
04 Oct 2018 08:05 pm
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