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प्रदूषण कम करने के लिए सड़कों पर शुरू किया गया ये काम, लोगों को मिली राहत, देखें वीडियो

Highlights पेड़-झाडिय़ों के अलावा चौराहों पर किया वॉटर स्प्रे डिप्टी सीएम के आने से पहले सफाई में जुटा प्रशासन मेरठ समेत कई शहरों वायु प्रदूषण की गिरफ्त में

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मेरठ। प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए शहर में बुधवार को वाटर स्प्रे अभियान की शुरूआत की गई। फायर ब्रिगेड की कई टीमों ने सिविल लाइंस, सदर, शास्त्रीनगर, विवि रोड, कमिश्नरी चौराहा के अलावा महानगर की प्रमुख सड़कों के किनारे लगे पेड़ों पर तेज प्रेशर के साथ वाटर स्प्रे किया। इसके अलावा एक टीम ने हाईवे और आसपास की सड़कों पर पानी का छिड़काव कर प्रदूषण को कम करने की कोशिश की। शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में भी सड़क के अलावा पेड़ों पर पानी छिड़का गया, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि पानी सूखने के बाद फिर से हालात वैसे ही होने की चिंता सता रही है।

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दिल्ली रोड पर भी परतापुर तक आसपास लगे पेड़ों पर पानी की बौछार करके जमा हुए धूल के कणों को साफ कराया गया। पानी पडऩे से करीब दो घंटे तक आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली। चीफ फायर अधिकारी अजय कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए शहर में करीब दस गाडिय़ों को उतारा गया है। इन गाडिय़ों से स्पीड वाटर स्प्रे करवाया गया। खासकर पेड़ों और सड़कों के किनारे लगी झाडिय़ों में ये स्प्रे कराया गया। इसके अलावा प्रमुख चौराहों पर सड़कों की धुलाई कराई गई। उन्होंने बताया कि हाईवे पर एक्सप्रेस रोड पर छिड़काव करवाया गया। आसपास लगे पेड़ों को भी धोया गया। उन्होंने बताया कि वातावरण में छाई धुंध और प्रदूषण कम करने को लेकर ऐसा किया गया है, ताकि लोगों को कुछ तो राहत मिल सके।

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एक तरफ तो फायर विभाग वाटर स्प्रे कर रहा था, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर वाहनों का इतना दबाव है कि पानी सूखते ही फिर से हालात वही हो रहे हैं। सीएफओ ने कहा कि रोजाना दिन में वाटर स्प्रे किया जाएगा जब तक कि स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। उन्होंने बताया कि इसका असर इतनी जल्दी नहीं, बल्कि धीरे-धीरे दिखाई देगा। शाम को ओस गिरने से धूल के कण खुद ही बैठ जाएंगे।


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