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पाकिस्तानी ‘तितली’ के कारण इन 24 घंटों में यूपी समेत उत्तर भारत के राज्यों में मच सकती है तबाही, मौसम वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

locationमेरठPublished: Oct 11, 2018 10:20:27 am

Submitted by:

sanjay sharma

अक्टूबर में एकाएक मौसम बदलने से हर कोर्इ है हैरान

meerut

पाकिस्तानी ‘तितली’ के कारण इन 24 घंटों में यूपी समेत उत्तर भारत के राज्यों में मच सकती है तबाही, मौसम वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

मेरठ। पाकिस्तानी तितली के कहर का असर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक दिखाई देने लगा है। इससे जहां पश्चिम के कई जिलों में गुरूवार को सुबह बारिश हुई, वहीं मौसम में भी नरमी दिखाई देने लगी है। अमूमन सुबह के समय जो तापमान 27 से 28 डिग्री होता था आज ‘तितली’ के कारण यह पारा 25 डिग्री पर पहुंच गया। यानी एक दिन में ही दो डिग्री कम हो गया। हालांकि ‘तितली’ का असर अब कम हो गया है, लेकिन पश्चिम उप्र में पहुंचते-पहुंचते इसकी रफ्तार दो किमी प्रति घंटा रह गई, लेकिन मौसम में नमी के कारण कई स्थानों पर बारिश और हवा में खुष्की गायब होने के कारण पारे पर इसका असर पड़ा है।
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बंगाल की खाड़ी में तितली की आहट

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में तितली तूफान की आहट ने सबके होश उड़ा दिए हैं। मौसम को लेकर जहां लोग सोच रहे हैं कि सर्दियों की जल्द ही सौगात मिलने वाली हैं वहीं उत्तर पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में तूफान का खतरा बढ़ता दिख रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है और बताया है कि ओडिशा में एक और समुद्री चक्रवात को लेकर आने वाले 24 घंटे काफी महत्वपूर्ण हैं। देश के समुद्र तटीय इलाकों का मौसम बिगड़ना शुरू हो गया और चक्रवाती तूफान ने कहर मचाना भी शुरू कर दिया है। इस तूफान का नाम ‘तितली’ है। जिसका कहर बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्र उत्तर भारत के कई राज्यों पर देखने को मिला है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्व राज्यों के साथ बांग्लादेश को भी इसने अपनी जद में ले लिया है।
उत्तर भारत के राज्यों के लिए मौसम बनेगा मुसीबत

तितली उत्तर भारत राज्यों के लिए मुसीबत बनेगा ऐसा मौसम विभाग का अनुमान है। पश्चिम उप्र के भी कुछ जिलों में तितली के कारण अगले 24 घंटे के भीतर बारिश होने का अनुमान है। तितली की रफ्तार 80 किमी है। समुद्र में यह 135 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ रहा है, लेकिन उडीसा के तटीय हिस्सों में यह रफ्तार 80 किमी है। आज यानी 11 अक्टूबर को तेज हवा व तितली चक्रवात का असर देखने को ज्यादा मिलेगा। इसका प्रभाव देश और उत्तरी हिस्सों में 13 अक्टूबर तक अधिक होगा। वरिष्ठ भूगोल वैज्ञानिक डा. कंचन सिंह ने बताया कि समुद्र में इस तरह के तुफान आना कोई नई बात नहीं है। पहले भी इससे बडे़ तूफान आए है। कैटरीना नामक तूफान ने अमेरिका ने जबरदस्त तबाही मचाई थी, लेकिन अब मीडिया इतनी एडवांस हो चुकी है कि पल भर में जानकारियां लोगों तक पहुंच रही है। इसका असर पश्चिम उप्र पर पांच फीसदी ही पडे़गा। जिसके कारण तापमान में दो तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। ‘तितली’ पाकिस्तान की ओर आने वाला तूफान है।
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