
मेरठ। वेस्ट यूपी की शान कहे जाने वाला मेरठ कालेज राजनीतिक अखाड़ा बन चुका है। इस ऐतिहासिक कालेज से पढ़कर निकले छात्रों ने देश ही नहीं विदेशों में भी कालेज का और मेरठ का नाम रोशन किया, लेकिन इस कालेज के हालात काफी बदल गए हैं। आज यह अपराधियों का अड्डा बन चुका है। हॉस्टल में गोलीबारी और देर रात तक शराब की महफिलें जुटना आम बात हो चुकी है। वर्तमान में इस कालेज में एडमिशन लेने के बाद से छात्रों में भय का माहौल है। छात्र पढने के लिए कालेज जाना चाहते हैं लेकिन कालेज का माहौल देखकर बाहर से ही वापस लौट जाते हैं।
सप्ताहभर से चल रहा है यह विवाद
कालेज में एक सप्ताह से छात्र नेताओं द्वारा जिंदाबाद, मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं। तीन दिन से छात्र लगातार प्राचार्या संगीता का घेराव कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल में कालेज प्रशासन ने जबरन तालाबंदी की हुई है। छात्रों का आरोप है कि कालेज प्रशासन छात्रों का शोषण कर रहा है। इसी को लेकर बीते दिनों छात्रों और पुलिस के भी धक्का-मुक्की भी हुई। कालेज प्रबंधन हास्टल का ताला न खोलने पर अड़ा हुआ है। जबकि छात्र हास्टल का ताला तोडऩे पर आमादा है। छात्र नेताओं का आरोप है कि जो छात्र कालेज में और हास्टल में अराजकता फैलाते हैं कालेज प्रबंधन उन पर प्रतिबंध लगाए। सभी छात्रों को क्यों परेशान कर रहा है।
कालेज प्रबंधन छात्रों के शोषण का आरोप
प्राचार्या संगीता ने बताया कि हास्टल में तालाबंदी का फैसला कालेज प्रबंधन तंत्र का है। हालांकि उन्होंने छात्र हित को ध्यान में रखते हुए उनसे बात की है। जिस पर प्रबंधन तंत्र ने इस पर गौर करने की बात कही है। वहीं छात्र नेताओं का कहना है कि कालेज प्रशासन कालेज में पढऩे वाले छात्रों का शोषण कर रहा है। ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे। हास्टल का ताला खोलकर उसमें छात्रों को रहने की अनुमति दी जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो हम आंदोलन करेंगे।
Published on:
10 Aug 2019 08:21 pm
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