
गौरैया प्रेमी विजय भोला के आवास में बने घोसले।

इन्हीं घोसलों में रहता है गौरैया का निवास।

सुबह शाम विजय भोला डालते हैं गौरैया को दाना।

शाम को चार बजे के बाद गौरैया करने लगती हैं अठखेलियां।

100 से अधिक अदभुद गौरैया के घोसलों का संसार विजय भोला का घर।

एक के नीचे एक लटके गौरैया के घोसले।

विजय भोला ने कालोनी में हर पेड़ पर बनवाएं हैं गौरेया घोसले।

पेड़ों पर अठखेलियां करतीं गौरैया।

करीब 30 साल से गौरैया को संरक्षित करने का काम कर रहे हैं विजय भोला।

सुबह और शाम गौरैया की चहचहाटह से गूंजता है विजय भोला के घर का आंगन।

घोसलों में आने वाली हर गौरैया का रखते हैं विजय भोला पूरा ध्यान।

अपने कीमती समय से गौरैया के लिए निकालते हैं हर दो घंटे।

गौरैया के जाने बाद साफ करते हैं विजय भोला प्रत्येक घोसला।

गौरैया के रहने के लिए बनवाया ऐसे अदभुद घोसले।

बारिश में भी सुरक्षित रहतीं हैं गौरैया।