
मेरठ। योगी सरकार की पुलिस इन दिनों एेेसे बहुत से काम कर रही है, जो लोगों की नजरें से परे है। पुलिस के एेसे कारनामे तब सामने आते हैं, जब पीड़ित उनके अफसरों से शिकायत करते हैं। इसी तरह का एक मामला मामला मवाना थाना क्षेत्र के गांव खेड़ी मनिहार में देखने को मिला है। जब योगी सरकार के दरोगा के कारनामे को यहां के ग्रामीणों के साथ आयी युवती ने एसएसपी कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान बताया। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने युवती की बातें सुनकर इस दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है, लेकिन सवाल है कि लाइन हाजिर करने के बाद यह दरोगा आगे एेसी घटना को अंजाम नहीं देगा, क्या गारंटी है।
यह है पूरा मामला
मवाना क्षेत्र के खेड़ी मनिहार निवासी दर्जनों ग्रामीण एसएसपी कार्यालय पहुंचे और ग्रामीणों के साथ आयी एक युवती ने बताया कि करीब दो माह पूर्व दो छात्र गुटों के बीच मारपीट हो गई थी। आरोप है कि इस मामले में पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे में उसके भाई प्रवेश पुत्र सुल्लू को भी गलत तरीके से नामजद किया गया था। युवती ने आरोप लगाया कि तभी से मवाना पुलिस दबिश के नाम पर उसके परिवार का उत्पीड़न कर रही है। पिछली रात भी मवाना खुर्द चौकी इंचार्ज इन्द्रजीत पुलिसकर्मियों के साथ शराब पीकर उनके घर पहुंचे। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने घर के बाहर गाली-गलौच करते हुए दरवाजा तोड़ डाला। वहीं घर में घुसकर प्रवेश के विषय में पूछताछ करने पर जब परिजनों ने अनभिज्ञता जताई तो चौकी इंचार्ज ने हंगामा कर दिया। उन्होंने आरोपी की बहन के कपड़े फाड़ डाले। इतना ही नहीं जब उसने इस बात की शिकायत अधिकारियों से करने की बात कही तो दरोगा ने अपना पिस्टल निकालकर उसकी तरफ तानते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। जिस पर वह चुप हो गई और दरोगा ने घर में रखा समान को लात मारकर तोड़ दिया। दरोगा ने आंगन में रखे बर्तनों में भी ताल मारी और जाते-जाते धमकी दे गया।
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Published on:
12 May 2018 10:12 am
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