
छेड़खानी के झूठे मुकदमे में योगी की पुलिस ने जबरन कराया समझौता तो छात्र ने अपना ली यह 'लक्ष्मण रेखा'
मेरठ। खाकी का जवाब नहीं कब किसको कहां किस केस में फंसा दें यह उसके सिवा और कोई नहीं जानता। मेरठ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जब पुलिस ने कालेज के पढ़ने वाले छात्र को छेड़छाड़ के झूठे मुकदमे में फंसा दिया और उसके बाद छात्र पर जबरन समझौता करने का दबाव बनाया। जिससे छात्र ने अपने आप को अपमानित महसूस किया और घर पहुंचकर लक्ष्मण रेखा का सहारा ले लिया।
मामूली विवाद के बाद छेड़खानी का आरोप
ब्रहमपुरी क्षेत्र में एक महिला द्वारा पड़ोसी युवक पर अपनी पुत्री के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद बुधवार को पुलिस ने चौकी में दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया। उधर, आरोपी युवक ने घर जाते ही जहर खा लिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को झूठे मामले में फंसाया, जिसके चलते हुई बदनामी के कारण क्षुब्ध होकर युवक ने आत्मघाती कदम उठाया है। जानकारी के अनुसार माधवपुरम सेक्टर तीन में अरविंद शर्मा का परिवार रहता है। अरविंद पेशे से ट्रक चालक है। अरविंद के मुताबिक उनके पड़ोस में रहने वाली संप्रदाय विशेष की एक महिला से मंगलवार को उनका मामूली विवाद हो गया। आरोप है कि इसके बाद उक्त महिला ने अरविंद के पुत्र अंकित शर्मा पर अपनी पुत्री के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए माधवपुरम चौकी में तहरीर दे दी। जिसके बाद पुलिस आनन-फानन में अंकित को घर से उठाकर ले गई।
मारपीट की थी चौकी इंचार्ज ने
क्षेत्र के रहने वाले कुछ गणमान्य लोग चौकी पर पहुंचे और चौकी इंचार्ज को पूरा प्रकरण समझाते हुए अपनी जमानत पर अंकित को चौकी से छुड़ा लाए। बताया जाता है कि आज चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्षों को चौकी पर बुलवाया था। आरोप है कि इंचार्ज ने अंकित के साथ मारपीट करते हुए उससे जबरन समझौते पर साइन करा लिए। इससे क्षुब्ध होेकर अंकित ने घर आते ही लक्ष्मण रेखा नाम का जहर खा लिया। अंकित की हालत बिगड़ते ही घर में हड़कंप मच गया। परिजनों ने उसे कांता नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी है। उधर, पुलिस ने मारपीट की बात से इंकार किया है। इस बारे में जब एसपी सिटी रणविजय सिंह से जानकारी की गई तो उनका कहना था कि उन्हें ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है।
Published on:
11 Oct 2018 03:26 pm
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