
मेरठ। नौकरी के नाम पर ठगी का नया तरीका एनजीओ ने निकाला है। पहले तो बेरोजगारों से ये लोग कई महीने काम करवाते हैं। नौकरी देने के दौरान बेरोजगारों से जमानत के तौर पर भारी-भरकम राशि वसूल करते हैं। उसके बाद जब बेरोजगार कई महीने काम कर लेता है और वह अपने सेलरी की बात करता है तो उसको अगले महीने देने का आश्वासन दिया जाता है। सेलरी देने वाला यह अगला महीना कभी आता नहीं। जब बेरोजगार फिर से अपनी सेलरी के रुपये मांगता है, तो उसके साथ अभद्रता और मारपीट की जाती है। विरोध करने पर उसको भगा दिया जाता है। नौकरी से भी निकाल दिया जाता है। कुछ ऐसे होते हैं जो इनका विरोध करते हैं अन्य तो बिना कोई कार्रवाई के चलते बनते हैं और दूसरी नौकरी की तलाश में जुट जाते हैं। ऐसा ही एक मामला गंगानगर का है। जहां पर एक युवती से कई महीने नौकरी करवाई और जब युवती ने अपने रुपये मांगने शुरू किए तो उसके साथ अभद्रता की और एनजीओ संचालकों ने भगा दिया।
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यह है मामला
यादगारपुर निवासी एक युवती ने गंगानगर स्थित एक एनजीओ पर उसके साथ जालसाजी का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से लेकर एसएसपी तक से शिकायत की है। 143, बसंत विहार यादगारपुर निवासी शीतल पुत्री पंकज बिष्ट के अनुसार उसने एक सूचना पर गंगानगर स्थित एक एनजीओ में नौकरी के लिए संपर्क किया था। खुद को संस्था की डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर बताने वाली एक युवती ने उसे संस्था में ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर नियुक्त किया था। शीतल का वेतन 14500 रुपये मासिक तय किया गया। इसी के साथ सिक्योरिटी मनी के नाम पर उससे एनजीओ के खाते में 15 हजार की रकम जमा कराई गई। आरोप है कि दो महीने काम करने के बाद जब उसने अपना वेतन की मांग की तो एनजीओ के अधिकारियों ने उसके साथ अभद्रता करते हुए उसे नौकरी से बाहर निकाल दिया। शीतल के अनुसार उसने जब जमा कराई गई सिक्योरिटी मनी वापस मांगी तो एनजीओ के अधिकारियों ने उससे अभद्रता की और उसको वहां से भगा दिया। पीड़िता ने डीएम और एसएसपी कार्यालय पर प्रार्थनापत्र देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
Published on:
21 Feb 2018 12:30 am
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