
अनुप्रिया पटेल
मिर्ज़ापुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गाजीपुर रैली के ठीक पहले भाजपा से नाराजगी जताने वाली सहयोगी पार्टी अपना दल सोनेलाल के बीच सबकुछ ठीक नहीं हुआ है। अपना दल की नेता और मोदी सरकार में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इसके संकेत दिये हैं। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए यहां तक कहा है कि उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की गयी। अनुप्रिया पटेल जिस अंदाज में बात कर रही थीं उससे यह भी साफ झलक रहा था कि भाजपा अभी भी उसी तरह अपना दल की कोई बात नहीं सुन रही, जिसका पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने आरोप लगाया था। नाराजगी प्रकरण के ठीक बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने मीडिया में आकर कहा था कि वो अपने सहयोगी हैं और जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा। इससे माना जा रहा था कि बीजेपी जल्द ही उन्हें मना लेगी, पर अनुप्रिया के ताजा तेवर और बयान से यह साफ हो गया है कि भाजपा और अपना दल के बीच तल्खी अभी और बढ़ सकती है।
अनुप्रिया पटेल ने यह बयान मिर्जापुर में जिला प्रशासन की ओर से जिला पंचायत सभागार में आयोजित कम्बल वितरण समारोह के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दिया। यहां अनुप्रिया ने इशारों-इशारों में दोनों दलों के बीच जारी गतिरोध के अभी तक न सुलझने की बात कही। बीजेपी से शिकायत और उन्हें मनाने के लिये किसी तरह की बातचीत के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि उनकी किसी से बात नहीं हुई है। नाराजगी दूर हुई या नहीं, इस सवाल पर कहा कि ‘कोई नाराजगी दूर करे तब ना’ बता दें कि अनुप्रिया पटेल के पति और अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने 29 दिसम्बर को पीएम नरेनद्र मोदी की गाजीपुर रैली के पहले मीडिया में आकर बीजेपी से नाराजगी जताते हुए यहां तक कहा था कि 2019 के चुनाव में अगर उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलतीं तो वह एनडीए में बने रहने पर विचार कर सकते हैं।
उधर चल रही थी बीजेपी की बैठक इधर अनुप्रिया दे रही थीं बयान
अनुप्रिया पटेल की यह बयान इस लिहाज इसलिये भी अहम कहा जा रहा है क्योंकि जब वह ये बयान दे रही थीं उसी वक्त भारतीय जनता पार्टी उनके गढ़ में कर रही थी। इसमें काशी प्रांत के 400 से अधिक बड़े पदाधिकारियों और सभी प्रकोष्ठ के नेताओं को बुलाया गया था। बैठक भी यूपी की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल ले रहे थे। बैठक को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा रही कि बीजेपी यूपी में अपनी महत्वपूर्ण सहयोगी को मनाने के बजाय उन्हीं के गढ़ में मजबूत होने में जुटी है। कुछ महीनों पहले खुद नरेन्द्र मोदी भी मिर्जापुर आकर फ्रांस के सहयोग से बनो यूपी के सबसे बड़े दादरकलां सोलर प्लांट का उद्घाटन किया था। इसके बाद बाण सागर परियोजना का लोकार्पण किया था। इसके अलावा भाजपा वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में खुद को और मजबूत बनाने के मिशन में महीनों से जुटी है। अब देखने वाली बात ये होगी कि दोनों के बीच आयी दरार कैसे भरती है और इसका आने वाले चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है।
By Suresh Singh
Published on:
05 Jan 2019 10:57 pm
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