
मिर्जापुर. अपना दल एस की मुखिया और पूर्व केन्दीय मंत्री अनुप्रिया पटेल जब मंत्री थीं तो उनकी तूती बोलती थी। कद्दावर नेताओं में उनका शुमार होता था। पीएम मोदी और अमित शाह से लेकर सीएम योगी तक से उन्हें खास तवज्जो मिलती थी। अधिकारी भी उनकी नाराजगी मोल लेने से डरते थे। पर अब जबकि वह मंत्री नहीं रहीं और महज एक सांसद हैं तो हालात बदल गए हैं। बात यहां तक पहुंच गई की अब उन्हें अपने जिले के डीएम को विशेषाधिकार हनन की चेतावनी देनी पड़ रही है। मामला जिलाधिकारी द्वारा सांसद अनुप्रिया पटेल को शिलान्यास में न बुलाए जाने का है।
दरअसल शनिवार को मिर्जापुर के जमालपुर ब्लाॅक के गोठौरा गांव में जल जीवनमिशन के तहत निर्माण कराए जाने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया गया। पर सांसद होने के बावजूद अनुप्रिया पटेल को उसमें नहीं बुलाया गया। बस यही बात उन्हें नागवार गुजरी। इसपर नाराजगी जताते हुए अनुप्रिया ने मिर्जापुर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर न सिर्फ इसपर आपत्ति जतायी बल्कि यह भी पूछा कि सांसद होते हुए उन्हें इसमें क्यों नहीं आमंत्रित किया गया। उनके अलावा न तो राज्यसभा सांसद रामसकल और न ही किसी विधायक को बुलाया गया। केन्द्र सरकार की ओर से पोषित इस परियोजना का शिलान्यास लोकल स्तर पर कैसे करा लिया गया। जब इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री या जलशक्ति मंत्री को करना था तो जिला लेवल पर क्यों कराया गया। डीएम को हाल ही में मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग की याद दिलाते हुए यह भी पूछा है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट आदेश दिया था कि किसी भी परियोजना का शिलान्यास या लोकार्पण हो तो उसमें सांसद और जिले के विधायकों को जरूर आमंत्रित किया जाय।
सांसद अनुप्रिया पटेल ने डीएम को लिखे पत्र में चेतावनी देते हुए इसका जवाब तुरंत मांगा है। चेतावनी दी है कि अगर तुरंत जवाब नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री से शिकायत कर प्रशासनिक कार्यवाही के लिये अनुरोध करेंगी। साथ ही आपके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही के शुरू करने के लिय भी मजबूर होना पड़ेगा।
Published on:
20 Oct 2020 09:05 am
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