
बीएचयू साउथ कैंपस का नाम बदलने का मामला
मिर्जापुर. बरकछा स्थित राजीव गांधी बीएचयू दक्षिणी परिसर का नाम बदलने को लेकर शुरू हुई चर्चा से विवाद शुरू हो गया है। नाम बदलने को लेकर जहां कांग्रेस विरोध कर रही है, वहीं एबीबीपी और कॉलेज कैंपस में पढ़ने वाले कई छात्र इसका स्वागत कर रहे है। हालांकि कुछ छात्र नाम बदलने के बजाय शैक्षणिक माहौल बेहतर करने और सुविधाएं बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
छात्र अभिषेक कुमार का कहना है कि इस कैंपस की पहचान अगर बीएचयू साउथ कैपस से रहे तो अच्छा है, मगर नाम को लेकर राजनीति करना ठीक नही है। यहां पर कई समस्या है उसका समाधान पहले करना चहिए। छात्र सत्यवीर सिंह बागी का कहना है कि जितना समय और संसाधन नाम में बदलाव को लेकर खर्च किया जाएगा, अगर उतना ध्यान यहां की सुविधाओं को बढ़ाने में दिया जाय तो अच्छा होगा। यहां पर सबसे बड़ी दिक्कत ट्रांसपोर्ट के लिए है, छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने में ही काफी समय लग जाता है। वहीं संस्कार राय का कहना है कि नाम बदलने से अच्छा है सुविधा बढ़ाया जाये, यहां पर छात्र तीन साल से साइबर लाइब्रेरी की मांग कर रहे है मगर अभी तक यह सुविधा नहीं मिली। मगर किसी ने वीसी साहब को नाम में बदलाव के लिए सुझाव दिया तो वह तैयार हो गये।
वहीं मॉस कम्युनिकेशन की छात्रा मृदुला पांडेय का कहना है कि नाम में बदलाव होना चहिए। मॉस कम्युनिकेशन की छात्रा प्रिया पाठक का भी कहना है कि इस कॉलेज कैंपस को अगर बीएचयू के नाम से जाना जाएगा तो यह बहुत अच्छी बात है। वहीं छात्र सौरभ सिन्हा का कहना है कि अगर नाम बदलने से विकास होता है तो बदलाव करना चाहिए, राजीव गांधी का इस कैंपस के विकास में कोई योगदान नहीं है।
बता दें कि बरकछा में स्थित बीएचयू दक्षिणी परिसर का शिलान्यास केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहने पर 2006 में हुआ था। उस समय जनपद के अनंतपुर गांव के रहने वाले के तत्कालीन बीएचयू के वीसी प्रो० पंजाब सिंह ने किया था। सन 2005 में पंजाब सिंह ने इस जमीन का निरीक्षण किया जिसके बाद भूमिपूजन हुआ और निर्माण शुरू हुआ। उसी समय से इसका नाम राजीव गांधी दक्षिणी परिसर रखा गया था, लेकिन अब एक दशक बीतने के बाद नाम बदलने को लेकर कयास के बाद विवाद शुरू हो गया है।
BY- SURESH SINGH
Updated on:
13 Dec 2019 12:58 pm
Published on:
13 Dec 2019 12:50 pm
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