8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानिए क्या है माँ विंध्यवासिनी की महिमा, आखिर क्यों कहा गया है विंध्यचाल को सिद्ध पीठ

देश मे इकलौता स्थान जहां त्रिकोण की होती है संरचना

2 min read
Google source verification
जानिए क्या है माँ विंध्यवासिनी की महिमा, आखिर क्यों कहा गया है विंध्यचाल को सिद्ध पीठ

जानिए क्या है माँ विंध्यवासिनी की महिमा, आखिर क्यों कहा गया है विंध्यचाल को सिद्ध पीठ

मिर्ज़ापुर. विन्ध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी की महिमा अपरम्पार है। इनके गुणों का बखान देवताओं ने भी किया है। विन्ध्य पर्वत की विशाल श्रृंखला को मां गंगा यही पर स्पर्श करती है। इसी स्थान पर आदि शक्ति ? माता विंध्यवासिनी पूर्ण रूप से विराजमान है। जबकि देश के अन्य शक्ति पीठों पर माता सती के शरीर के अंश मात्र गिरे है। इसी कारण विन्ध्याचल सिद्ध पीठ के नाम से जाना जाता है। इतनी ही नहीं माता यहां अपने तीनों रूप महालक्ष्मी, महाकाली व महासरस्वती के रूपों में तीन कोण पर विराजमान होकर दर्शन देती है। तीनों देवियों के त्रिकोण के केंद्र में भगवान शिव विराजमान है। लोगों की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।


माता के त्रिकोण दर्शन व परिक्रमा का विशेष महात्म्य पुराणों में किया गया है। ऋषि-मुनियों के लिए सिद्धपीठ आदिकाल से सिद्धि पाने के लिए तपस्थली रहा है। देवासुर संग्राम के दौरान ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने माता के दरबार में तपस्या कर वरदान मांगा और विजय श्री प्रपात की। यूं तो माँ विंध्यवासिनी धाम में हर दिन खास होता है, लेकिन नवरात्र में इसकी महत्ता बढ़ जाती है। यहां माँ कि पूजा प्रथम शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी त्रितियम चन्द्रघन्तेति कूश्मान्देती चतुर्थकम, पंचम स्कंद्मंतेती षष्ठं कात्यायनीति च सप्तमं कल्रात्रेती महागौरीति चाष्टमं नवमं सिधिदात्री च नव दुर्ग प्रकीर्तिता के रूप की जाती है।


मान्यता है की नवरात्र के दिनों में माँ धरती के निकट आ जाती हैं और अपने भक्तों को सुख शान्ति प्रदान करती है। धर्म नगरी काशी प्रयाग के मध्य स्थित विन्ध्याचल धाम आदि काल से देवी भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। ट्रेन, सड़क व हवाई मार्ग के जरीए यहां पहुंचा जा सकता है। वहीं नवरात्र के समय विन्ध्याचल में सभी ट्रेनों का ठहराव होता है। रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस अड्डा मंदिर के कुछ ही दूरी पर है। जो लोग हवाई यात्रा के जरिए यहां पहुंचना चाहते है वे वाराणसी के बाबतपुर हवाई अड्डा पर उतर कर सड़क मार्ग से करीब 65 किलोमीटर की दूरी तय कर विन्ध्याचल पहुंच सकते है।

Input- Suresh singh


बड़ी खबरें

View All

मिर्जापुर

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग