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मिर्ज़ापुर: गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर दहशत में तटवर्तीय ग्रामीण, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किया अलर्ट

गंगा नदी में बाढ़ के चलते तटवर्तीय गांवों में उत्पन्न हुई बाढ़जनीत परेशानियां ने लोगों को पलायन पर मजबूर करना शुरू कर दिया है। बाढ़ का पानी गंगा नदी के तक को पार करते हुए निरंतर आगे की ओर बढ़ता जा रहा है। इससे कई इलाकों में खेत-खलिहान, बाग-बगीचे बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं।

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Mirzapur flood news: काशी और प्रयागराज के बीच में स्थित धार्मिक व पौराणिक नगरी विंध्याचल (मिर्ज़ापुर) में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, आलम यह है कि गंगा नदी के विकराल रूप को देख नदी किनारे बसे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, लोगबाग खेत-खलिहान से लेकर घर के ड्योढ़ी तक बाढ़ का पानी आ जाने से अन्यत्र की राह थाम लिए हैं। नगर क्षेत्र के विंध्याचल, नारघाट सुंदर घाट, लोहिया तालाब इत्यादि इलाकों में गंगा नदी का पानी तटवर्तीय भाग को पार करते हुए गली मोहल्लों की ओर बढ़ता हुआ दिखाई देने लगा है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे बढ़ाव को देखते हुए लोग सहम उठे हैं। लोगों का मानना है कि यदि इसी प्रकार से गंगा नदी का पानी बढ़ता रहा तो वो। दिन दूर नहीं जब 1978 का रिकार्ड टूट जाए।

खतरा बिंदु को पार करने पर आमादा हुईं गंगा की धारा

शुक्रवार को देर शाम जनप्रतिनिधियों संग एसडीएम सदर गुलाब चंद ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है। गंगा नदी में बाढ़ के पानी के उफान ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है और जलस्तर खतरे के निशान से महज कुछ मीटर नीचे पहुंच चुका है। तेजी से बढ़ते पानी ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी पहले से काफी तेजी से चढ़ रहा है और यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले कुछ ही घंटों में कई घर जलमग्न हो सकते हैं। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गुलाब चंद ने बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय करने, नावों की व्यवस्था करने और निचले इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। जनमानस की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। गंगा का जलस्तर लगातार मॉनिटर किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ी तो त्वरित राहत और बचाव कार्य शुरू किए जाएंगे। गौरतलब है कि ओझला पुल के पास गंगा का जलस्तर 76 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि चेतावनी स्तर 76.724 मीटर है। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने नगर निगम और सिंचाई विभाग को अलर्ट पर रखा है।

अफवाहों से बचने की सलाह, सर्तक और सावधानी बरतने की हिदायत

जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में संबंधित विभाग से तुरंत संपर्क करें। गंगा नदी के बढ़ाव पर प्रशासन निरंतर नजर डालें हुए हैं। मिर्जापुर स्थित केन्द्रीय जल आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 02 अगस्त 2025 को सुबह समय-10:00 तक गंगा नदी का जल लेवल-77.120 मीटर आंका गया है। जबकि गंगा नदी में 4.00 सेमी, घंटा की दर से वृद्धि कुल वृद्धि- पिछले 2 घंटे में 8 सेमी रहा है। चेतावनी स्तर-76.724 एम,खतरे का स्तर-77.724 मीटर बताया जा रहा है।


गौरतलब हो कि पूर्व में उच्चतम दर्ज बाढ़ स्तर (09 सितंबर 1978) 80.34M तथा अधिकतम बाढ़ स्तर (17 सितंबर 2024) -76.530 मीटर आंका गया था।
ऐसे में लगातार गंगा नदी में बाढ़ का प्रभाव बढ़ता देख आस-पास के गांवों के लोग दहशत में देखें जा रहें हैं। छानबे, सीटी, पहाड़ी विकास खंड सहित सीखड़ नारायनपुर विकास खंड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे हैं जहां निरंतर पानी बढ़ता जा रहा।

तटवर्तीय गांवों में उत्पन्न हुई बाढ़जनीत परेशानियां

गंगा नदी में बाढ़ के चलते तटवर्तीय गांवों में उत्पन्न हुई बाढ़जनीत परेशानियां ने लोगों को पलायन पर मजबूर करना शुरू कर दिया है। बाढ़ का पानी गंगा नदी के तक को पार करते हुए निरंतर आगे की ओर बढ़ता जा रहा है। इससे कई इलाकों में खेत-खलिहान, बाग-बगीचे बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं। इससे जहां मवेशियों के समक्ष हरे चारे की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है तो वहीं जन-जीवन भी अस्त-व्यस्त हो उठा है। लोग बाढ़ के पानी से बचने के लिए आस-पास के गांवों सहित अपने सगे-संबंधियों के यहां पनाह लेने को विवश हुए हैं।

प्रयागराज से बलिया, बिहार तक गंगा नदी में मचा हुआ है उफ़ान

गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। जानकारों की मानें तो चंबल, आगरा सहित अन्य इलाकों में बाढ़ का कहर गहराने से नदियों से लगाय बांधों का फाटक खोल दिए जाने से गंगा नदी उफान पर हैं। प्रयागराज से लेकर मिर्जापुर, वाराणसी होते हुए गाजीपुर बलिया को पार कर बिहार तक गंगा नदी में उफान बना हुआ है। मध्य प्रदेश की पहाड़ी नदियों सहित सोन नदि और यमुना नदी का पानी गंगा के बाढ़ में सहायक बना हुआ है।

कैबिनेट मंत्री ने किया निरीक्षण

मिर्जापुर जिले में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने निकले कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कोन ब्लाक के हरसिंगपुर मल्लेपुर गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में समुचित व्यवस्था करने के साथ राहत शिविरों में ग्रामीणों के खानपान, रहने की उत्तम व्यवस्था के लिए प्रशासन को निर्देश दिया है। पशुओं को रहने और चारा के उत्तम प्रबंध के लिए निर्देश दे कहा कि प्रभावित इलाकों में राहत देने में कोई कोताही ना हो।

मिर्ज़ापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट


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