गंगा नदी पर बने शास्त्री सेतु का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने 1976 में किया था। बेयरिंग पर बने इस पुल का पहली बार मरम्मत के नाम पर वर्ष 2020 में 8 करोड़ रुपया खर्च किया गया। पुल आम वाहनों के लिए ओके कर दिया गया। लेकिन कुछ माह बाद ही पुनः कमजोर होने का दावा करते हुए उस पर भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी गई। दुबारा फिर मरम्मत पर वर्ष 2021-22 में 5.64 करोड़ खर्च किया गया। नतीजा वही निकला। कुछ दिन पुल ठीक के बाद फिर कमजोर बताकर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया। जिस तीसरी बार मरम्मत का काम मुंबई की कम्पनी को दिया गया हैं। जो करीब 5 महीने में शास्त्री सेतु का मरम्मत करेगी।