लोगों का मानना है कि ऐसा कभी ना देखा है और ना सुना है। वहीं इस घटना को लेकर पशु विभाग (Animal department) के डॉक्टर (Animal department Doctor) का कहना है कि यह घटना आमतौर पर तब होती है जब पशुओं के हारमोंस बढ़ जाते हैं। उनके हारमोंस के बढ़ने के कारण ही एेसी घटना संभव होती है। डॉक्टर के मुताबिक ऐसे मामले बहुत कम ही पशुओं में देखने को मिलते हैं।
अचानक बढ़ गया थन का आकार एक हिंदी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक प्रताप सिंह और उनकी पत्नी रेखा देवी का कहना है कि घर की पाली हुई ये बछड़ी 13 माह की है। एक सप्ताह पहले बछड़ी के थन अचानक मोटे-मोटे हो गए, जिन्हें पशु चिकित्सक को दिखाया।
मंदिर में चढ़ रहा दूध डॉक्टर ने बछड़ी के थनों को दबाया तो पहले पानी की धार निकली और बाद में थनों से दूध निकलना शुरू हो गया। यह देख डॉक्टर भी हैरान रह गया। रेखा देवी ने बताया कि बछड़ी के दूध का उपयोग नहीं किया जा रहा है। बछड़ी दोनों टाइम दूध दे रही है। इसके दूध का प्रयोग शंकर जी के मंदिर पर चढ़ा कर किया जा रहा है।
गांव वाले मान रहे चमत्कार गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह वाकई हैरान कर देने वाली घटना है। और किसी चमत्कार से कम नहीं है। क्योंकि आमतौर पर गर्भधारण के बाद ही गाय दूध देने योग्य होती है, लेकिन ऐसा पहली बार देखा गया कि 13 महीने की बछड़ी बिना प्रसव और गर्भधारण के दूध दे रही है। वह भी दोनों ही टाइम। दूध भी अधिक मात्रा में निकल रहा है। गांव वालों का मानना है कि यहां एक चमत्कार है और बछड़ी के दूध का प्रयोग मंदिर में किया जाना चाहिए
डॉक्टर ने कहा दूध का न करें उपयोग वहीं पशु के डॉक्टर इस पूरी घटना को पशु के हार्मोन बढ़ना बता रहे हैं। डॉक्टर ने कहा कि जब हारमोंस बढ़ जाते हैं तब अक्सर ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। यह घटना जानवरों में ही नहीं इंसानों में भी देखा गया है। वही डॉक्टर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो पशु ऐसे दुधारू हो जाते हैं उनके दूध को चार या पांच दिन उपयोग ना करें। चार पांच दिन बाद ही उसके दूध का उपयोग किया जाना चाहिए।