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नई दिल्ली। हर महीने अपनी सैलरी से बचत करके अपने परिजनों को खर्च भेजने वाले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रहने वाले अजय तिवारी इन दिनों काफी परेशान हैं। दिल्ली मेट्रो के लिए काम करने तिवारी को बीते 9 महीने से भुगतान नहीं किया गया है। दिल्ली मेट्रो के लिए काम करने वाले 1600 मजदूरों का कुछ इसी धर्मसंकट से गुजर रहे हैं। जिनके पास न तो घर भेजने के लिए और न ही यहां पर खुद के रहने—खाने के लिए पैसे बचे हैं। तमाम कोशिशों के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो सभी मजदूरों ने 17 अगस्त से जंतर—मंतर पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
काम रोकने पर हुआ था आंशिक भुगतान
श्रमिक ठेकेदार आशीष द्विवेदी के अनुसार,डीएमआरसी और एफएएमसी प्रतिभा के "25 करोड़ रुपए" के भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें अपने मजदूरों के साथ सड़कों पर उतरना पड़ा है। उनके अनुसार उन्हें नौ महीने पहले काम रोक देने के बाद आंशिक भुगतान किया गया था। उस समय डीएमआरसी ने हस्तक्षेप कर हमें एक—दो महीने में भुगतान का आश्वासन दिया था।
कांट्रैक्टर को भुगतान के निर्देश
दिल्ली मेट्रो के लिए काम कर रहे मजदूरों के भुगतान पर कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल का कहना है कि, "डीएमआरसी ने बड़ी संख्या में मजदूरों को मैसर्स एफएएमसी प्रतिभा कंपनी के जरिए रखा है, जो कथित तौर पर पिछले कुछ समय से उनका भुगतान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि डीएमआरसी ने इन श्रमिकों को सीधे दिल्ली मेट्रो में नहीं भर्ती किया है बल्कि इनहें किराए पर लिया है। डीएमआरसी इन श्रमिकों का न ही सीधे वेतन का भुगतान करता है। हालांकि ठेकेदार को सभी बकाया राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं और डीएमआरसी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।
उप-ठेकेदार और मुख्य ठेकेदार के बीच का मामला
दिल्ली मेट्रो के एक प्रवक्ता के मुताबिक यदि मजदूर अपनी मजदूरी का भुगतान न करने के संबंध में डीएमआरसी से शिकायत करता है तो निश्चित तौर पर डीएमआरसी इस संबंध में जरूरी कदम उठाता है। इस मामले में किसी भी श्रमिक ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत नहीं की है। दरअसल उप-ठेकेदार और मुख्य ठेकेदार के बीच की बकाया राशि का मामला है। जिसमें
कर्ज लेकर किया मजदूरों का भुगतान
शनिवार को हुई बारिश से भले ही दिल्ली थम गई, लेकिन दिल्ली मेट्रो के लिए काम कर रहे मजदूरों का धरना—प्रदर्शन नहीं थमा। 25 मजदूर ठेकेदारों के साथ सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने जंतर—मंतर पर धरना जारी रखा। ठेकेदार बबलू त्रिपाठी बताते हैं कि उन्होंने सात महीने तक कर्ज लेकर 250 मजदूरों का भुगतान किया। लेकिन अब आगे वे सक्षम नहीं है, इसलिए वे अब वे विरोध कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं पूरी हुई तो वो मेट्रो की पटरियेां पर लेट जाएगे। उनके अनुसार मजदूरों और ठेकेदारों के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के लिए नौ मेट्रो स्टेशनों पर फिलहाल कोई काम नहीं हो रहा है, जो पहले ही कई महीने देरी से चल रहा है।
Updated on:
20 Aug 2017 09:37 am
Published on:
20 Aug 2017 09:23 am
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