28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जिग्नेश ने रखीं कई शर्तें

दलित चेहरा बनकर उभरे जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस की आशाओं पर पानी फेर दिया है।

2 min read
Google source verification

image

ashutosh tiwari

Nov 02, 2017

Rahul Gandhi,Jignesh Mevani,gujarat election,

अहमदाबाद।गुजरात विधानसभा चुनाव के चढ़ते सियासी पारे के बीच राजनीतिक घटनाक्रम भी तेजी से बदलने शुरू हो गए हैं। 22 सालों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को जिन पाटीदार, दलित और ओबीसी युवा नेताओं के नरम रवैये के बूते कांग्रेस पार्टी इन चुनावों में पटखनी देने की सोच रही है। उनमें से गुजरात में दलित चेहरा बनकर उभरे जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस की आशाओं पर पानी फेर दिया है।

जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस की ओर से दिए गए न्योते को ठुकराते हुए स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव-2017 में किसी भी दल में शामिल नहीं होंगे। गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर अपना रुख स्पष्ट कर यह घोषणा की।

मेवाणी का यह ऐलान गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस गुजरात में 7 प्रतिशत दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए मेवाणी को पार्टी में शामिल करने की कोशिश में जुटी थी। पिछले दिनों जिग्नेश मेवाणी के दिल्ली जाने के दौरान उनकी राहुल गांधी से मुलाकात की भी खबरें सामने आई थीं, लेकिन जिग्नेश ने मुलाकात होने से इनकार किया था।

हार्दिक भी पकड़ से बाहर
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल भी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने जरूर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है। उना दलित प्रताडऩा कांड के बाद गुजरात में दलित चेहरा बनकर उभरे जिग्नेश मेवाणी भी पाटीदार युवा नेता हार्दिक की राह चलते दिखाई दे रहे हैं। हार्दिक की तर्ज पर उन्होंने भी कांग्रेस के सामने दलितों के हित व न्याय से जुड़े 17 मुद्दों को रखते हुए उस पर पार्टी की राय स्पष्ट करने की मांग की है।

जिन्नेश का भाजपा पर आरोप
जिग्नेश ने गुजरात में सरकार चलाने वाली भाजपा पर दलितों के साथ राजकीय अस्पृश्यता दिखाने व दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने तो एक बार भी दलितों को बैठक के लिए नहीं बुलाया। जबकि पाटीदारों को एक दर्जन बार कैमरे के सामने बुलाया व बैठक की। जिग्नेश ने आरोप लगाया कि मणिनगर में रेल रोको आंदोलन की घोषणा के दौरान राज्य के गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने एक सप्ताह में दलित हितों के मुद्दों पर बैठक करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वे बाद में मुकर गए। यह भाजपा सरकार की दलित विरोधी मानसिकता दर्शाता है। ऐसे में जब गुजरात चुनावों में कांग्रेस को दलित समाज के वोट की आशा है तो उन्हें चाहिए कि वह दलितों से जुड़े 17 मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट करें।

कांग्रेस से मांगी गई राय के अहम मुद्दे
1-उनाकांड प्रताडऩा मामला स्पेशल कोर्ट में चले, सभी दलितों को बीपीएल कार्ड, रिहायशी प्लॉट का आवंटन हो
2-गुजरात के सभी जिलों में एट्रोसिटी एक्ट के तहत स्पेशल कोर्ट बनें,स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त हों
3-गुजरात में दलितों को दी गई भूमि का वास्तविक कब्जा में उन्हें सौंपे
4-सीवरेज टैंक में उतरने से मरने वाले सफाई कर्मचारियों के परिजनों को तत्काल मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए
5-गुजरात में आरक्षण कानून बनाया जाए। अभी प्रस्ताव पर अमल
6-किसानों की जमीन में सरकार का दाखिल नाम वापस हो, जमीन किसानों के नाम पर की जाएं
7-एससी एसटी सब प्लान के पैसे इनके ही हित में खर्च हों
8-गुजरात सरकार में बैकलॉग के हजारों पद भरे जाएं
9-आवासहीन दलित परिवारों को आवास दिया जाए
10-उनाकांड के बाद हुए धरना,प्रदर्शन के दौरान दलितों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं।