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1949 – भारत-पाकिस्तान के मध्य हुर्इ युद्ध-विराम की घोषणा

सन् 1949 भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है

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Sunil Sharma

Aug 09, 2017

1949 indian consitiution

1949 indian consitiution

सन् 1949 भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह वो साल था जिसमें देश विभाजन के बाद से कश्मीर पर कब्जे को लेकर लड़ार्इ लड़ रहे भारत- पाकिस्तान के मध्य युद्ध-विराम की घोषणा कराई गई। कराची समझौता, त्रिपुरा विलय, रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण, भारतीय संविधान सभा द्वारा नया संविधान अपनाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी इसी साल किए गए। आज हम आपको बताने जा रहे है सन् 1949 के बारे में कुछ खास बातें जो आपने शायद ही सुनी होगी, तो आइए जानते क्यों महत्वपूर्ण् है सन् 1949

भारत पाकिस्तान में मध्य युद्ध-विराम की घोषणा (1 जनवरी 1949)

कश्मीर का प्रश्न आज भी भारत – पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। 1947 को विभा‍जित भारत आजाद हुआ। उस दौर में भारतीय रियासतों के विलय का कार्य चल रहा था, जबकि पाकिस्तान में कबाइलियों को एकजुट किया जा रहा था।भारत कश्मीर का विलय करना चाहता था लेकिन यह उसके लिए एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम साबित हो रहा था, क्योंकि कश्मीर के राजा हरिसिंह विलय नहीं चाहत थे। उस समय कश्मीर में **** बहुसंख्यक थे लेकिन पंडितों की तादाद भी कम नहीं थी।

कश्मीर की सीमा पाकिस्तान से लगने के कारण समस्या जटिल थी अतः जिन्ना ने कश्मीर पर कब्जा करने की एक योजना पर तुरंत काम करना शुरू कर दिया। हालांकि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो चुका था जिसमें क्षेत्रों का निर्धारण भी हो चुका था फिर भी जिन्ना ने परिस्थिति का लाभ उठाते हुए 22 अक्टूबर 1947 को कबाइली लुटेरों के भेष में पाकिस्तानी सेना को कश्मीर में भेज दिया।

कबाइली लुटेरों के हमले से भयभीत होकर राजा हरिसिंह भयभीत होकर भारत से सैनिक सहायता की मांग की, लेकिन सहायता पहुंचने में बहुत देर हो चुकी थी। कश्मीर पर राजा हरिसिंह का राज था और उन्होंने बहुत देर के बाद निर्णय लिया कि कश्मीर का भारत में विलय किया जाए। देर से किए गए इस निर्णय के चलते पाकिस्तान ने गिलगित और बाल्टिस्तान में कबायली भेजकर लगभग आधे कश्मीर पर कब्जा कर लिया।

भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाते हुए, उनके द्वारा कब्जा किए गए कश्मीरी क्षेत्र को पुनः प्राप्त करते हुए तेजी से आगे बढ़ रही थी कि बीच में ही 31 दिसंबर 1947 को नेहरूजी ने यूएनओ से अपील की कि वह पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी लुटेरों को भारत पर आक्रमण करने से रोके।

फलस्वरूप 1 जनवरी 1949 को भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्ध-विराम की घोषणा कराई गई। इससे पहले 1948 में पाकिस्तान ने कबाइलियों के वेश में अपनी सेना को भारतीय कश्मीर में घुसाकर समूची घाटी कब्जाने का प्रयास किया, जो असफल रहा।

रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण- 1 जनवरी 1949

वर्तमान में बैंकों का बैंक कहे जाने वाले भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 में किया गया था। उसके बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व होगया। राष्ट्रीयकरण से पहले यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था।

जिसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।
रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से बम्बर्इ में स्थानान्तरित कर दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं।

बोधगया मंदिर अधिनियम - 6 जून1949

6 जून - भारत सरकार द्वारा बोधगया मंदिर अधिनियम के पारित होने के साथ, महाबोधि मंदिर को आंशिक बौद्ध नियंत्रण में बहाल किया गया है।

कराची समझौता - 27 जुलार्इ 1949

1 जनवरी 1949 को यूएनओ द्वारा भारत-पाकिस्तान के मध्य संघर्ष विराम स्थापित करने के बाद 27 जुलार्इ 1949 को भारतीय सेना आैर पाकिस्तानी से सेना प्रतिनिधियों के मध्य कराची समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

समझौते के अनुसार जम्मू-कश्मीर के नक्शे पर युद्ध-विराम रेखा को रेखाकिंत किया गया। इसके अनुसार दक्षिण में मानवार, उत्तर में खोर और उसके बाद उत्तर ग्लेशियर तक एनजे 9842 को युद्ध-विराम रेखा मानते हुए समझौता हुआ। एनजे 9842 की भौगालिक परस्थितियों को देखते हुए दोनों देशों ने माना कि इस क्षेत्र में घास का तिनका भी नहीं उगता। अतः इर पर लडार्इ लडना बेकार है।

त्रिपुरा विलय- 9 सितंबर 1949

9 सितंबर 1949 को रानी कंचनप्रभा देवी त्रिपुरा विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिसके बाद 15 अक्टूबर 1949 को त्रिपुरा भारत संघ का हिस्सा हो गया।

भारतीय संविधान पारित- 26 नवम्बर 1949

भारत को लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य का दर्जा का भारतीय संविधान में के अनुसार शासित किया गया है। भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।

भारतीय संविधान की निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 26 नवबंर 1949 को भारतीय संविधान ‘संविधान सभा के अध्यक्ष’ एवं राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सौंपा। अतः यह दिन (26 नवंबर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अधिनियम अधिनियमित - 28 दिसंबर 1949

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है। यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया।230 बटालियनों और विभिन्न अन्य प्रतिष्ठानों के साथ, सीआरपीएफ भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल माना जाता है।"