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सवर्णों को आरक्षण: देश में 31 फीसदी है सवर्ण आबादी, 125 लोकसभा सीटों पर सीधा प्रभाव

ये आरक्षण आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मिलेगा। सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला लिया गया।

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Upper cast Reservation

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का एक और बड़ा ऐलान कर दिया। सरकार ने सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया है। ये आरक्षण आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मिलेगा। सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट से 49.5 फीसदी आरक्षण को मंजूरी

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने ये बहुत ही बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है, क्योंकि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद से पूरे देश में सवर्ण समाज बेहद नराज था। इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार संविधान में संशोधन करेगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, सिर्फ 49.5 फीसदी आरक्षण को ही मंजूरी है। माना जा रहा है कि मंगलवार को ही ये विधेयक पेश किया जा सकता है।

देश में 31 फीसदी आबादी सवर्णों की!

इस ऐलान के बाद करीब 31 फीसदी सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। हालांकि इसकी योग्यता के आधार पर भी तय किया जाएगा कि कौन आरक्षण के योग्य होगा। आपको बता दें कि 1931 में सरकार की तरफ से आखिरी बार जातिगत जनगणना हुई थी। हालांकि इसके बाद 2007 में हुए एक सांख्यिकी सर्वे के मुताबिक, देश की हिंदू आबादी में 41% पिछड़ा वर्ग और सवर्णों की संख्या 31% है।

125 लोकसभा सीटों पर प्रभाव डालते हैं सवर्ण

इसके अलावा 2014 के एक अनुमन के मुताबिक, 125 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां हर जातिगत समीकरणों पर सवर्ण उम्मीदवार भारी पड़ते हैं और जीतते हैं। आपको बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन से देश सवर्ण समाज बेहद नाराज था। सरकार की तरफ से ये ऐलान उन्हें खुश करने के लिए है।