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मिसाल: कलयुग में आए सतयुग के श्रवण कुमार, चार भाईयों ने माता-पिता को कंधों पर उठाकर कराया गंगा स्नान

श्रवण कुमार बने इन चार भाईयों ने मिसाल कायम करते हुए समाज को संदेश भी दिया।

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मिसाल: कलयुग में आए सतयुग के श्रवण कुमार, चार भाईयों ने माता-पिता को कंधों पर उठाकर कराया गंगा स्नान

फरीदाबाद। कलयुग में श्रवण कुमार, जी हां आज के इस दौर में श्रवण कुमार कम ही देखने को मिलते हैं, जो अपने माता-पिता की निस्वार्थ भाव से सेवा करते नजर आते हैं। पलवल के चार श्रवण कुमार सामने आए हैं जो अपने माता-पिता को कंधों पर उठाए हरिद्वार गांगा स्नान कराकर लाए हैं।

चार सगे भाईयों ने कराया गंगा स्नान
बाईपास रोड पर इन दिनों कावड़िये आ जा रहे हैं। इन्हीं कावड़ियों में चार सगे भाई ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता को कंधों पर उठाकर हरिद्वार से गंगा स्नान कराकर लौट रहे हैं, बता दें कि सगे भाईयों के जन्मदाता दिव्यांग नहीं है वे चल फिर सकते हैं। बेटे हरिद्वार के नीलकंठ से पंचकुला के मानसा देवी तक अपने माता-पिता को कंधों पर उठाकर पैदल चलें हैं।

समाज को दिया संदेश

श्रवण कुमार बने इन भाईयों ने मिसाल कायम करते हुए समाज को संदेश भी दिया। समाज में माता-पिता के प्रति आदरभाव जगाने के लिए ही गांव फुलवरी के रहने वाले इन लोगों ने अपने मां-बाप को समय और सम्मान देने की बात कही है। बेटों का कहना है कि उन्होंने अपने आस-पास रहने वाले कुछ बुजुर्ग माता-पिता की हालत देखकर ही मन बनाया कि कुछ ऐसा किया जाए, जिसे देखकर लोगों में माता-पिता के प्रति आदर भाव जाग सके।

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कौन थे श्रवण कुमार?

यह सतयुग की एक पौराणिक कथा है| श्रवण कुमार हिन्दू धर्म ग्रंथ रामायण में उल्लेखित पात्र है, ये अपने माता पिता से अतुलनीय प्यार के लिए जाने जाते हैं। श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता की इच्छा को पूरा करते हुए उन्हें कंधों पर उठाए तीर्थ यात्रा पर ले गए थे। इस बीच श्रवण कुमार का वध राजा दशरथ से भूलवश हो गया था, जिस कारण इनके माता पिता ने राजा दशरथ को पुत्र वियोग का शाप दे दिया था।


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